पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने एक बार फिर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति (Independent foreign policy) की तारीफों के पुल बांधे हैं. यूक्रेन युद्ध के बीच प्रतिबंधों के चलते पश्चिमी देशों की धमकी के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए उन्होंने भारत की प्रशंसा की. इसी वर्ष अप्रैल माह में सत्ता से बेदखल होने के बाद से पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने अपने खिलाफ अमेरिका नीति विदेशी साजिश की निंदा की है. जो बाइडेन प्रशासन (Joe Biden administration) की आलोचना करते हुए इमरान इससे पहले भी पश्चिमी देश की मांग को नहीं मानने और अमेरिका के 'रणनीतिक सहयोगी' होने के बाद भी रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए भारत की सराहना कर चुके हैं.
लाहौर में पिछले सप्ताह एक विशाल सभा के दौरान इमरान की PTI पार्टी ने जून माह में बार्तिस्लावा फोरम में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) के भाषण की वीडियो क्लिप चलाई जिसमें भारत के मंत्री ने कहा था कि नई दिल्ली वह काम करेगी जो उसके लोगों (भारत के लोगों) के लिए अच्छा होगा. दोनों देशों के बीच तुलना करते हुए PTI प्रमुख इमरान ने रूस से तेल खरीदने के मामले में अमेरिका के दबाव के आगे 'दंडवत' होने के लिए पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को आड़े हाथ लिया.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का हवाला देते हुए इमरान ने कहा, "जब भारत के विदेश मंत्री से रूसी तेल नहीं खरीदने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति को तय करने वाले वे कौन होते हैं? यूरोप भी रूस से तेल खरीद रहा है और लोगों को इसकी जरूरत है. उन्होंने (जयशंकर ने ) कहा वे इसे खरीदना जारी रखेंगे. यह होता है आजाद मुल्क." पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा, "हमने सस्ती कीमत में तेल खरीदने के बारे में रूस से बात की थी लेकिन इस सरकार के पास अमेरिका दबाव का सामना करने का साहस नहीं है. ईंधन की कीमतें आससान छू रहीं हं, लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारने को विवश हैं. मैं इस तरह की 'गुलामी' के खिलाफ हूं. "
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