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"पाकिस्तानी कर्नल ने भारतीय पोस्ट पर हमले के लिए दिए थे 30,000 रुपये", गिरफ्तार आतंकी ने कबूला

बीते कुछ दिनों में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग जगहों पर आतंकवादियों द्वारा सीमा रेखा पार करने की तमाम कोशिशों को विफल करते हुए एक आतंकी को गिरफ्तार किया था जबकि लैंडमाइन धमाके में दो आतंकवादी मारे गए थे. 

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नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा के पास बनी भारतीय चौकियों पर हमले की कोशिशों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय पोस्ट पर हमले के लिए पाकिस्तान के एक कर्नल ने आतंकवादियों को 30 हजार रुपये दिए थे. सेना के सामने इस बात का खुलासा एक गिरफ्तार आतंकी ने किया था जिसे बाद में मानवीय आधार पर सीमा के उस पार भेज दिया गया था. बीते कुछ दिनों में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग जगहों पर आतंकवादियों द्वारा सीमा रेखा पार करने की तमाम कोशिशों को विफल करते हुए एक आतंकी को गिरफ्तार किया था जबकि लैंडमाइन धमाके में दो आतंकवादी मारे गए थे. 

सेना की ओर से जारी नोट में बताया गया है कि यह गिरफ्तारी 21 अगस्‍त को सुबह उस समय की गई जब नौशेरा क्षेत्र के झांगर सेक्‍टर में तैनान सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर अपनी ओर दो से तीन आतंकियों के गतिविधियां देखीं. एक आतंकी भारतीय पोस्‍ट के करीब था और बाड़ को काटने का प्रयास कर रहा था. जब इस आतंकी ने भागने की कोशिश की तो सैनिकों ने फायर किया जिसमें यह जख्‍मी हो गया था. बाद में इसे पकड़ लिया गया.

सेना के ओर से बताया गया कि दो अन्‍य आतंकी घने जंगलों का फायदा उठाकर पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले क्षेत्र में भागने में सफल रहे. घायल हुए आतंकी को गिरफ्तार कर तुरंत चिकित्‍सा सहायता उपलब्‍ध कराई गई और उसको बचाने के लिए सर्जरी की गई. इस आतंकी की पहचान तबारक हुसैन के तौर पर हुई है और यह पाकिस्‍तान के कब्जे वाले कश्‍मीर के कोटली जिले के सब्‍जकोर्ट गांव का रहने वाला है. सेना के मुताबिक, इसने पूछताछ के दौरान बताया कि पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी के कर्नाल यूनुस चौधरी ने उसे भारतीय सीमा में घुसने के लिए भेजा था. उसके पास 30 हजार पाकिस्‍तानी रुपये मिले हैं जो उसे इस कर्नल ने दिए थे. सेना के अनुसार, तबारक हुसैन उस दस्‍ते का हिस्‍सा था जिनमें भारतीय अग्रिम पोस्‍ट की रेकी की थी और उसे आखिरकार 21 अगस्‍त को उसे 'प्रवेश' के लिए कहा  गया था. सेना के अनुसार, इस व्‍यक्ति को वर्ष 2016 में इसी सेक्‍टर में अपने भाई हारुन अली के साथ  गिरफ्तार किया गया था और नवंबर 2017 में मानवीय आधार पर इसे सीमा के उस पार छोड़ दिया गया था.  
 

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