पहलगाम में पोल खुलने के बाद पाकिस्तान ले रहा भारत की सहनशीलता की परीक्षा

दुनियाभर से भारत को समर्थन प्राप्त हो रहा है. कई देशों ने पहलगाम हत्याकांड की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है. ऐसे समय में भारत अब अपने अगले कदम सटीक रणनीति, वैश्विक समर्थन और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तय करेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान की उकसावेबाज़ नीतियां एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर हो गई हैं. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की जान गई, ने पाकिस्तान की प्रॉक्सी आतंकवाद की नीति को फिर से सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है. सूत्रों के अनुसार इस हमले को "द रेज़िस्टेंस फ्रंट" (TRF) नामक आतंकी संगठन ने अंजाम दिया, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक मुखौटा संगठन है. माना जा रहा है कि इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का प्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है.

पाकिस्तानी नेताओं के भारत विरोधी बयान 

हमले से पहले 16 अप्रैल को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के सम्मेलन में भड़काऊ भाषण दिया था. इसके 2 दिन बाद 18 अप्रैल को रावलकोट (पाक अधिकृत कश्मीर) में एक लश्कर नेता ने भारत विरोधी बयान देते हुए मारे गए आतंकियों का बदला लेने की बात की थी. इन्हीं बयानों ने TRF को हिंसा के लिए उकसाया.

हालांकि पाकिस्तान ने इस हमले को "फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन" कहकर खारिज करने की कोशिश की, लेकिन 26 अप्रैल को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा एक ब्रिटिश चैनल को दिए साक्षात्कार में यह स्वीकार किया गया कि पाकिस्तान पिछले 3 दशकों से आतंकवादियों को समर्थन देता आया है. इस कबूलनामे से पाकिस्तान की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चोट पहुंची है.

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2025 में पाक ने 15 बार तोड़ा सीजफायर

इस हमले के बाद भी पाकिस्तान की आक्रामकता कम नहीं हुई. 29 अप्रैल को जम्मू के परगवाल सेक्टर में संघर्षविराम उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की. रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक पाकिस्तान ने 15 बार सीज़फायर तोड़ा है और 2651 बार छोटे हथियारों से फायरिंग की है. इसके अलावा, घुसपैठ के तीन प्रयासों में सात आतंकवादी मारे गए हैं.

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भारतीय सेना ने संयमित किंतु सख्त प्रतिक्रिया दी है. दो फ्लैग मीटिंग्स और साप्ताहिक डीजीएमओ हॉटलाइन वार्ताओं के जरिए भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि वह घुसपैठ और सीज़फायर उल्लंघनों से बाज़ आए.

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पाक ने भारत को ऐसे निशाना बनाने का किया प्रयास

इस बीच पाकिस्तान ने साइबर हमलों का सहारा भी लिया है. बीते सप्ताह में पाकिस्तानी साइबर ऑपरेटरों ने भारतीय सेना से जुड़े कई वेबसाइट्स- जैसे आर्मी नर्सिंग कॉलेज, आर्मी पब्लिक स्कूल, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन आदि को निशाना बनाने की कोशिश की. हालांकि वे सेना की प्रमुख साइबर संरचना में सेंध लगाने में असफल रहे, लेकिन महिलाओं, बच्चों और पूर्व सैनिकों से जुड़े प्लेटफॉर्म्स पर हमले उनकी रणनीतिक सोच की गिरावट को दर्शाते हैं.

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इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित आतंकवाद, सीमा उल्लंघन और साइबर हमलों की त्रिस्तरीय रणनीति को उजागर कर दिया है. भारत ने अब तक संयम, परिपक्वता और विवेकपूर्ण प्रतिक्रिया का परिचय दिया है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि संयम को कमजोरी समझना भूल होगी.

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