4 फीट का गेट, गोलीबारी और भागते लोग… दंपति ने बताया पहलगाम आतंकी हमले के वक्त का खौफनाक मंजर 

Pahalgam Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

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नागपुर से पहलगाम आए एक व्यक्ति ने बताया पहलगाम में कैसा था मंजर

20 मिनट का फासला. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले (Pahalgam Kashmir terrorist attack) में जिंदा बचने वाले महाराष्ट्र के परिवार का कहना है कि इसी 20 मिनट के अंतर ने उन्हें बचाया. पिछले कई सालों में आम नागरिकों में हुए इस सबसे हिंसक आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले को "जघन्य कृत्य" बताकर निंदा की है. जहां यह हमला हुआ वह पहलगाम का समर रिट्रीट था और श्रीनगर से सड़क मार्ग से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. पीएम ने वादा किया है कि हमलावरों को "न्याय के दायरे में लाया जाएगा”.

नागपुर से पहलगाम आए एक व्यक्ति ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "यह घटना तब हुई जब हम घटना स्थल से निकले ही थे. हम काफी देर तक गोलीबारी की आवाज सुन सकते थे. हर कोई उस जगह से भागने की कोशिश कर रहा था. जहां हमला हुआ था हम वहां से 20 मिनट की दूरी पर थे. हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि हम बस वहां से भागना चाहते थे."
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व्यक्ति ने बताया कि जंगल की तरफ निकलकर भागने का एक्जिट गेट छोटा था, केवल 4 फीट का और वहां बहुत सारे लोग थे. लौग भागने की कोशिश में एक-दूसरे के उपर गिर रहे थे क्योंकि लोगों को लग रहा था कि अगर पीछे रह गए तो मारे जाएंगे. शख्स ने कहा, "मैं अपनी पत्नी और बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित था. पहाड़ से कूदने की कोशिश में मेरी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हो गया." उनकी पत्नि, जो अस्पताल के बिस्तर पर थी, ने कहा कि लोग चिल्लाए "फायरिंग हो रही है" और वे भागते रहे.

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महिला ने कहा, "लोगों ने आवाज दी कि फायरिंग हो रही है, आगे बढ़ जाओ. लोग पीछे से आ रहे थे और धक्का दे रहे थे. हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वहां बच्चे भी थे. हमें बाहर निकलने में दिक्कत हो रही थी." 

एक टूर गाइड ने एएफपी को बताया कि वह गोलियों की आवाज सुनने के बाद घटनास्थल पर पहुंचा और कुछ घायलों को घोड़े पर बैठाकर ले गया. उसने कहा, "मैंने कुछ लोगों को जमीन पर लेटे हुए देखा जैसे वे मर गए हों."

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