'मुझे उस पर 100% शक है... मैं जिपलाइन पर निकला और उसने 'अल्लाह हू-अकबर, अल्लाह हू-अकबर, अल्लाह हू-अकबर' के तीन बार नारे लगाए और आतंकियों फायरिंग शुरू कर दी.' ये सब कुछ उस शख्स के बारे में बताया गया जिसने आतंकवादी हमले के दौरान टूरिस्ट को जिपलाइन पर भेजा. ये वीडियो सामने आते ही जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल पर शक की सुई घूम गई. ये सब तब हुआ जब अपनी आंखों से आतंकियों के खूनी खेल को जिपलाइन पर लटके आदमी ने खुद चैनल्स पर बताया.
जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल के पिता ने क्या कुछ बताया
पहलगाम आतंकी हमले के दौरान जिपलाइन कर रहे सैलानी ऋषि भट्ट ने उस दिन की पूरी कहानी साझा की है. ऋषि भट्ट का कहना है कि उसे जिपलाइन वाले शख्स पर शक है, उसे आतंकियों के बारे में कुछ पता हो सकता है. जिसके बाद से जिपलाइन ऑपरेटर मुजम्मिल से पूछताछ हो रही है. मुजम्मिल के पिता ने उन सभी सवालों के सवाल दिए, जिस वीडियो से उनका बेटा मुजम्मिल शक के दायरे में आया. जिपलाइन ऑपरेटर के पिता अब्दुल अजीज कुमार ने कहा कि जिपलाइन पर 10 लोग काम करते हैं, अब उनसे पूछताछ की जा रही है. हमारा अल्लाह हू अकबर बोलना आम है. जैसे कि हम गिरने पर भी अल्लाह हू अकबर बोलते हैं.
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गोलियों की आवाज सुनाई देने पर भी टूरिस्ट को क्यों जिपलाइन पर भेजा
बैसरन घाटी में राइफल की गोलियों की आवाज सुनाई देने के बाद भी उनके बेटे ने टूरिस्ट को जिपलाइन पर आगे क्यों भेजा, इस सवाल पर मुजम्मिल के पिता ने कहा कि जब जिपलाइन में टूरिस्ट बैठते हैं तो टूरिस्ट को आगे धकेलने के वक्त अल्लाह हू अकबर बोलते हैं. हम तो पूरे दिन अल्लाह हू अकबर बोलते हैं. हमले वाले दिन शाम को 5 बजे घर आया, उसने कुछ नहीं बताया वो बेहोश हो गया कमरे. मैं भी हार्ट पेशेंट हूं, सुबह उसको थाने ले जाया गया.
टूरिस्ट के जिपलाइन वाले वीडियो में दिखा खतरनाक मंजर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘जिप लाइन राइड' का आनंद ले रहे अहमदाबाद के एक टूरिस्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर आया था, जिसमें आतंकवादियों के हमले के दौरान लोग भागते और गिरते नजर आ रहे हैं. ‘जिप लाइन राइड' में एक ढलान पर दो बिंदुओं के बीच तार बंधा होता है जिसकी मदद से लोग गुरुत्वाकर्षण के जरिए नीचे की ओर जाते हैं. टूरिस्ट ऋषि भट्ट ने ‘राइड' के दौरान 53 सेकंड का यह वीडियो एक ‘सेल्फी स्टिक' से शूट किया. वीडियो में भट्ट ‘राइड' का आनंद लेते नजर आ रहे हैं लेकिन उसी दौरान जमीन पर मौजूद लोग आतंकवादी हमले के कारण अपनी जान बचाने के भागते और गिरते नजर आ रहे हैं. अहमदाबाद निवासी भट्ट ने संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ बैसरन घाटी गए थे और उन्होंने ‘जिप लाइन राइड' का आनंद लेने का फैसला किया.