"पढ़ो भाई, ऐसे कैसे वकील बनोगे?" : पहुंचा था कट-ऑफ कम कराने, CJI ने ले ली क्लास

अखिल भारतीय बार परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित करवाया जाता है. इस परीक्षा के बाद ही कोई भी वकील वकालत कर सकता है. यह परीक्षा 10 भाषाओं में साल में 2 बार आयोजित करवाई जाती है.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आज अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) के लिए कट-ऑफ स्कोर कम करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. साथ ही साथ मुख्य न्यायधीश ने याचिकाकर्ता को सलाह देते हुए कहा है कि पढ़ो भाई.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कट-ऑफ कम करने से बार में भर्ती होने वाले वकीलों की क्षमता पर असर पड़ेगा.

अखिल भारतीय बार परीक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित करवाया जाता है. इस परीक्षा के बाद ही कोई भी वकील वकालत कर सकता है. यह परीक्षा 10 भाषाओं में साल में 2 बार आयोजित करवाई जाती है. इसमें किसी भी उम्र के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं. परीक्षा में विषय व्यापक हैं, जिनमें संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, जनहित याचिका, पर्यावरण कानून और उद्योग कानून शामिल हैं. कई अन्य शाखाओं के साथ कराधान और बौद्धिक संपदा कानून भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं.

सीजेआई ने कहा, "उन्होंने सामान्य श्रेणी के लिए 45 और एससी/एसटी के लिए 40 का कट ऑफ रखा है. अगर कोई इतना स्कोर नहीं कर सकता तो वह किस तरह का वकील होगा? आप इसे घटाकर 40 और 35 करने के लिए कह रहे हैं!"

हाल ही में प्राप्त आरटीआई के जवाब के अनुसार, 50% से अधिक उम्मीदवार 2023 एआईबीई परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके. AIBE वेबसाइट के अनुसार, यह एक खुली किताब परीक्षा है जिसका उद्देश्य कानून का अभ्यास करने के इच्छुक उम्मीदवार के बुनियादी स्तर के ज्ञान और विश्लेषणात्मक कौशल का आकलन करना है.
 

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