धान न खरीदे जाने से बिफरे BJP नेता ने कहा-जनता चुनाव में सबक सिखाएगी, प्रियंका व वरुण गांधी ने उठाया मुद्दा

Paddy Purchase 2021-22 : वरुण गांधी ने किसान द्वारा धान में आग लगाने का वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने कहा,लखीमपुर के मोहम्मदी इलाके में धान न बिकने से नाराज़ एक किसान ने अपने धान को आग लगा दी थी जिसे बुझाया गया.

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धान खरीद न होने से लखीमपुर खीरी में नाराज किसान ने उपज में लगा दी थी आग (फाइल)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की मंडियों (UP Paddy Purchase) में धान न खरीदे जाने को लेकर शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. आम किसानों के अलावा बीजेपी नेता भी इस पर मुखर हो गए हैं. लखीमपुर खीरी में ऐसे ही एक बीजेपी नेता (BJP) ने चेतावनी दे दी कि अगर यही हाल रहा तो जनता यूपी चुनाव (UP Assembly Election 2022) में सबक सिखा देगी. एक दिन पहले ही लखीमपुर खीरी (lakhimpur kheri) में ही एक किसान ने 15 दिन धान बिक्री न होने के बाद इसमें आग लगा दी थी. वहीं लखीमपुर खीरी कांड में मुखर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है. 

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लखीमपुर खीरी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता अनुराग बाजपेयी ने अपना वीडियो वायरल (Viral Video) कर कहा है कि वो 6 दिन से धान की ट्राली लेकर सरकारी खरीद केंद्र पर खड़े हैं, लेकिन उनका धान नहीं खरीदा जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो जनता चुनाव में सरकार को सबक सिखा देगी. बाजपेयी का कहना है कि वो अपने संगठन में भी बड़े नेताओं से धान बिकवाने की सिफारिश कर चुके हैं. इसके बावजूद भी उनका धान नहीं खरीद जा रहा है. अगर बीजेपी नेता का ये हाल है तो आम आदमी का क्या होगा.

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वरुण गांधी ने किसान द्वारा धान में आग लगाने का वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने कहा,लखीमपुर के मोहम्मदी इलाके में धान न बिकने से नाराज़ एक किसान ने अपने धान को आग लगा दी थी जिसे बुझाया गया. कुछ वक्त पहले लखीमपुर के गोला इलाके में बीजेपी विधायक अरविंद गिरि धान न बिकने से नाराज़ होकर धरने पर बैठ गए थे.

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वहीं बीजेपी सांसद ने उत्तर प्रदेश के किसान समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी. इस व्यवस्था ने किसानों को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है.

लखीमपुर खीरी में ही किसानों को कुचलने की घटना हुई थी, जिसमें चार किसान और एक पत्रकार मारे गए थे. जबकि प्रदर्शनकारियों की पिटाई में तीन लोगों की मौत हुई थी.