MP Oxygen Shortage :मध्य प्रदेश में भी कोरोना मरीजों के सामने मेडिकल ऑक्सीजन का संकट है. सरकार अन्य राज्यों के प्लांटों से अस्पतालों की मांग को पूरा कर रही है. अब सरकार ने फैसला किया है कि 37 जिलों में ऑक्सीजन निर्माण के प्लांट लगेंगे. एनडीटीवी ने पिछले साल सितंबर में लगातार खबरें दिखाकर सरकार को चेताया था, तब ऐलान हुआ और 9 जिलों में टेंडर भी हो गया. लेकिन 6 महीने बाद फिर नई घोषणा हुई है. पुरानी घोषणाओं के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट नहीं बना.
अप्रैल में ही शहडोल, भोपाल, उज्जैन, खंडवा जैसे कई जिलों से ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत की खबरें आई हैं. पिछले साल एनडीटीवी ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर आगाह किया था, लगातार कालाबाजारी पर खबरें दिखाईं थीं. इसके बाद सरकार ने वादा किया था. शिवराज सरकार ने कहा था कि लंबे समय की जरूरत के लिए 6 महीने में ऑक्सीजन प्लांट बनेगा.सितंबर 2020 में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कम अवधि के लिए हमने सारी प्लानिंग कर ली है.
मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी कोविड मरीजों को लंबी अवधि के लिये बाबई के मोहासा में आईनोक्स को स्वीकृति दी है. 200 टन ऑक्सीजन 6 महीने के अंदर बनाने का काम शुरू कर लिया जाएगा. सितंबर में घोषणा, अक्तूबर में क्लीयरेंस, दिसंबर में भूमिपूजन 6 महीने पूरे हो गए तो अब बाबई प्लांट से ऑक्सीजन का जायजा लेने हम भी निकले लेकिन यहां दिखा सिर्फ बाउंड्रीवॉल. जबकि ऐलान 200 टन ऑक्सीजन का था.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा पिछले साल प्लांट लगाने का एमओयू हुआ था, कंपनी को जमीन उपलब्ध करा दी गई थी. वैसे मंत्री ने सितंबर में भी यही वादा किया था. वहां काम भी चल रहा है. प्लांट लगने में समय लगता है. कंपनी का कहना है वो जल्द से जल्द इसको पूरा करेंगे हमारी ओर से जो करना था वो हमने किया है. वैसे पिछले साल भी मंत्री ने यही वादा किया था.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पतालों में सामान्य बेड पर महज 4,030 मरीज हैं. इससे 4 गुना से ज्यादा 19,172 मरीज ऑक्सीजन बेड पर हैं. इनमें से 6,639 मरीज गंभीर हालत में हैं, जिन्हें ICU में रखा गया है.इन गंभीर मरीजों के लिये फिलहाल आपूर्ति का संकट है, नतीजतन कोई कोई हाथ पैर जोड़ रहा है. कोई नाराजगजी जता रहा है.
गाजियाबाद : सड़कों पर गुरुद्वारे के वॉलंटियर दे रहे ऑक्सीजन