दिल्ली में ऑक्सीजन संकट, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया

केंद्रीय गृह सचिव ने लिखा पत्र, कहा- अगर दिल्ली सरकार सही ढंग से काम करती तो कई जानें बचाई जा सकती थीं, अपना लॉजिस्टिक्स सुधारने की ज़रूरत

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात में राजधानी दिल्ली (Delhi) बेशक हांफ रही हो लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) और दिल्ली सरकार के बीच तू तू-मैं मैं जारी है. केंद्र सरकार ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को मौजूदा संकट के लिए ज़िम्मेदार ही नहीं बताया बल्कि यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार सही ढंग से काम करती तो कई जानें बचाई जा सकती थीं. उन्हें अपना लॉजिस्टिक्स सुधारने की ज़रूरत है.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे गए एक कड़े पत्र में कहा है कि देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है लेकिन दिल्ली को लॉजिस्टिक्स मुद्दों पर ध्यान देने की ज़रूरत है, जैसे बाक़ी के राज्य और केंद्र प्रशासित प्रदेश कर रहे हैं.

केंद्रित गृह सचिव अजय भल्ला ने 25 अप्रैल को यह पत्र लिखा था. इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार थाईलैंड से 18 क्रायोजेनिक टैंकरों और फ्रांस से 21 रेडी-टू-यूज ऑक्सीजन संयंत्रों का आयात करेगी. केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह ऑक्सीजन के लिए हाथापाई देखी गई. लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

Advertisement

गृह सचिव ने पत्र में लिखा है कि "दिल्ली सरकार अभी तक ट्रांसपोर्टेशन का मसला सुलझा नहीं पाई है जबकि भारत सरकार को ऑक्सीजन का आवंटन किए कई महत्वपूर्ण दिन बीत चुके हैं. आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करें, जैसे कि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है.”

Advertisement

गृह सचिव ने कहा है कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के परामर्श के बाद 21 अप्रैल से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है. दिल्ली को 480 मीट्रिक टन आवंटित की गई है. हालांकि दिल्ली को अपने वास्तविक आवंटन से कम आपूर्ति हुई, जो कि बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक मुद्दों के कारण हुआ. अन्य राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इन मुद्दों को हल करने के लिए सबसे अधिक और पेशेवर प्रयास कर रहे हैं. वे सक्रिय रूप से भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हैं. 

Advertisement

MHA  ने यह मुद्दा भी उठाया कि वर्तमान में ऑक्सीजन संकटों से कैसे बचा जा सकता था. अगर राज्य सरकार आपूर्तिकर्ताओं और प्राप्तकर्ता अस्पतालों के साथ सार्थक परामर्श करती तो जान बचाई जा सकती थी.

Advertisement

पत्र में कहा गया है कि यह ध्यान देने की जरूरत है कि दिल्ली सरकार ने INOX (ऑक्सीजन के मुख्य आपूर्तिकर्ता में से एक) को दिल्ली में स्थित 17 अस्पतालों को 98 मीट्रिक टन की आपूर्ति करने का निर्देश दिया. जबकि INOX लंबे समय से दिल्ली में 105 MT ऑक्सीजन 45 अस्पतालों की आपूर्ति कर रहा था. आगे 28 अस्पतालों के लिए और अधिक वैकल्पिक व्यवस्था दिल्ली सरकार द्वारा ठीक से नहीं की गई थी. इनमें से कुछ अस्पतालों ने मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी की शिकायत की और एक अस्पताल ने उल्लेख किया कि कुछ रोगियों की मृत्यु हो गई. इससे बचा जा सकता था. ” 

केंद्र ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार को शहर के अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन के परिवहन के लिए टैंकरों की व्यवस्था करने में कथित विफलता के लिए दोषी ठहराया है और कहा है कि उसकी सक्रिय गतिविधियों से दुखद घटनाओं से बचा जा सकता था.

गृह सचिव ने कहा कि इस कठिन समय में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें इस COVID संकट से निपटने और मानवीय पीड़ा को कम करने के लिए मिलकर काम करें. इसलिए मैं आपसे तत्काल, प्रभावी, नवीन और परिणामोन्मुखी होने का अनुरोध करूंगा. 

Featured Video Of The Day
MIG 29 Crash Video: Agra में Airforce का विमान क्रैश का लाइव Video आया सामने