विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वरिष्ठ अधिकारी पूनम खेत्रपाल सिंह (Dr Poonam Khetrapal Singh) ने कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण का प्रकोप ‘‘बहुत लंबे समय'' तक जारी रह सकता है तथा टीकाकरण (Corona Vaccination) एवं पहले हुए संक्रमण के जरिए किसी समुदाय में विकसित हुई रोग प्रतिरोधी क्षमता तय करेगी कि यह वैश्विक महामारी लंबे समय में सीमित जगह या सीमित समय पर होने वाला संक्रमण बनेगी या नहीं. डब्ल्यूएचओ में दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि ऐसी स्थिति पर पहुंचने की आवश्यकता है, जहां ‘‘हमारा वायरस पर पूरा नियंत्रण हो, न कि वायरस का हम पर नियंत्रण हो.'' उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने का ‘‘सदी में एक बार मिलने वाला अवसर'' भी दिया है. ‘‘अब समय आ गया है कि देश स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए वैश्विक महामारी से सबक लें.''
सिंह ने कहा कि जिन स्थानों पर अधिक आबादी पहले संक्रमित हो चुकी हो और जहां अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका हो, वहां भविष्य में लोगों के वायरस से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होने की संभावना होती है.
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 वायरस बहुत लंबे समय तक लोगों को संक्रमित कर सकता हैं. यह बात कई कारक तय करेंगे कि क्या वायरस दीर्घकाल में एक सीमित स्थान या सीमित समय में फैलने वाला संक्रमण बनेगा या नहीं. इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक टीकाकरण या पहले हो चुके संक्रमण की वजह से विकसित होने वाली किसी समुदाय की रोग प्रतिरोधी क्षमता है.''
सिंह ने स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग (ईयूए) की अनुमति देने के बारे में कहा कि भारत बायोटेक ने डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) टीकों में शामिल किए जाने का आग्रह किया है और तकनीकी विशेषज्ञ इसकी समीक्षा कर रहे है तथा ‘‘हमें प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है.''
सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने का ‘‘सदी में एक बार मिलने वाला अवसर'' भी दिया है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए वैश्विक महामारी से सबक लें. सिंह ने कम होती प्रतिरोधी क्षमता से निपटने में बूस्टर खुराक की भूमिका पर कहा कि सभी देशों में संक्रमण एवं मौत के मामले उन लोगों में मुख्य रूप से सामने आ रहे हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बूस्टर खुराक के इस्तेमाल से उन देशों में टीकों की आपूर्ति कम हो जाएगी, जहां लाखों-करोड़ों लोग अब भी पहली खुराक दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए डब्ल्यूएचओ ने 2021 के अंत तक कोविड-19 की बूस्टर खुराक को कुछ समय के लिए टालने की अपील की है. इसका कारण यह है कि हर देश की कम से कम 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो सके. हमें यह याद रखना चाहिए कि जब तक सब सुरक्षित नहीं हैं, तब तक कोई सुरक्षित नहीं है.''
उन्होंने कहा कि फिलहाल यह साबित करने वाला कोई निर्णायक सबूत नहीं है कि गंभीर बीमारी और मौत के खिलाफ कोविड-19 टीके का असर समय के साथ काफी कम हो जाता है. विशेषज्ञ ने जोर देकर कहा कि टीके गंभीर बीमारी और मौत को रोकने में प्रभावी रहे हैं.
सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि भविष्य में लोगों के कुछ समूहों के लिए बूस्टर की आवश्यकता हो सकती है. बूस्टर पर डब्ल्यूएचओ की सिफारिशें वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित होंगी और इन पर अभी काम किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा कि इस महामारी के पूरी तरह समाप्त होने की संभावना नहीं है, लेकिन हम इसके कारण होने वाली मौतों, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता, इसके कारण होने वाली सामाजिक, आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी हानि को रोकने या कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
सिंह ने कहा कि मौजूदा साक्ष्य दर्शाते हैं कि दुनिया भर में अब भी बहुत कम लोग सुरक्षित हैं और अधिकतर लोगों पर संक्रमण का खतरा है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ लोगों को अपने बचाव के लिए टीकाकरण कराने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने, कम हवादार स्थानों पर जाने से बचने, हाथ बार-बार साफ करने और श्वास संबंधी स्वच्छता अपनाने की सलाह देता है.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम सब मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक स्तर पर आवश्यक कदमों का पालन करें और जल्द से जल्द लोगों का टीकाकरण कराएं, तो वायरस के लिए इतनी अधिक संख्या में लोगों को संक्रमित करना मुश्किल होगा कि महामारी की एक अन्य लहर आ सके.''
कोविड-19 टीकों का निर्यात पुन: आरंभ करने के भारत के फैसले पर सिंह ने कहा कि विश्व स्तर पर टीकाकरण की समानता आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सबसे कमजोर जैसे कि अग्रिम मोर्चे के सभी कर्मचारियों और सभी बुजुर्गों का टीकाकरण हो सके.
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