गुरुग्राम में जिला प्रशासन ने सेक्टर 109 में चिंटेल्स पैराडाइसो कॉम्प्लेक्स में रहने के लिए असुरक्षित घोषित किए गए पांच टावरों को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है. एक अधिकारी ने बताया कि गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव द्वारा सोमवार को जारी आदेश में आवासीय सोसायटी के डी, ई, एफ, जी और एच टावरों को ध्वस्त करने की अनुमति दी गई. यह आदेश बिल्डर द्वारा डिप्टी कमिश्नर को भेजे गए एक ई-मेल के जवाब में आया, जिसमें तोड़ने के लिए इन टावरों को तत्काल खाली कराने की मांग की गई थी.
आईआईटी दिल्ली की एक टीम द्वारा प्रशासन को सौंपी गई ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर इन टावरों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया गया था. 10 फरवरी, 2022 को चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी के टॉवर डी की छह मंजिलें आंशिक रूप से ढह गईं, जिससे दो महिला निवासियों की मौत हो गई. तब से यह साइट बिल्डर और निवासियों के बीच विवाद का विषय बनी हुई है.
आदेश में कहा गया, "संबंधित विभागों की नीति/दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी अर्थात् मेसर्स चिंटेल पैराडिसो प्राइवेट लिमिटेड, सेक्टर-109, गुरुग्राम के टावर डी, ई, एफ, जी और एच को ध्वस्त करने की अनुमति दी गई है." यादव ने बिल्डर के ईमेल के जवाब में कहा कि इस मामले पर अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीना की अध्यक्षता वाली एक समिति और संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने चर्चा की.
इसके साथ ही कहा गया, "यहां यह उल्लेख करना उचित है कि यह अनुमति विषयगत कार्य से संबंधित किसी भी अन्य लागू राज्य/केंद्रीय कानून/अधिनियम/नीति से छूट प्रदान नहीं करती है. इसके अलावा, साइट पर किसी भी चूक/दुर्घटना/लापरवाही के मामले में, आप पूरी तरह जिम्मेदार होंगे. तदनुसार जिम्मेदार और प्रासंगिक कार्रवाई की जाएगी, इसके अलावा, आप संबंधित को अनुपालन के साथ पाक्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे." मीना ने ध्वस्तीकरण आदेश जारी होने की पुष्टि की है.
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