विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मार्गरेट अल्वा ने एकता की जरूरत जताई

Vice-President Elections: मार्गरेट अल्वा ने कहा, "महत्वपूर्ण मुद्दा सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का है, विपक्ष की एकता की जरूरत सबसे महत्वपूर्ण है."

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विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया हेै.

नई दिल्ली:

Vice-Presidential Elections 2022: देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है. मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) ने आज एनडीटीवी से कहा कि,"जिस तरह से लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है, देश में जिस तरह से संसदीय कामकाज खराब हुआ है, जिस तरह से चीजें हो रही हैं." इस "स्थिति" के कारण वे एक "चिंतित नागरिक" के रूप में चुनाव में खड़े होने के लिए तैयार हो गई हैं. उन्होंने कहा, एक और कारण है, "महत्वपूर्ण मुद्दा है सभी विपक्षों को एक साथ लाना. विपक्षी एकता की आवश्यकता सबसे महत्वपूर्ण बात है."

पांच बार की सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्यपाल, मार्गरेट अल्वा को बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ खड़ा किया गया है. धनखड़ को एनडीए ने चुनाव मैदान में उतारा है.

वोटों का गणित अपने पक्ष में लाने के लिए आम आदमी पार्टी, नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों से समर्थन मिलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि उनसे संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं. 

उन्होंने कहा, "मुझे इन राज्यों के नेतृत्व पर बहुत भरोसा है और मैं उनसे संपर्क कर रही हूं, और आशा करती हूं कि वे खुद को मेरा समर्थन करने लायक पाएंगे."

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे राजनीति में बिताए 50 से अधिक वर्षों के निजी संबंधों पर भरोसा कर रही हैं. उन्होंने कहा, "मुझे अपने इन दोस्तों पर बहुत भरोसा है... दो हफ्ते बाकी हैं, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, आप बदलाव देखेंगे."

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के साथ उनके मतभेद सुलझ गए हैं, अल्वा ने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, "मेरा सोनिया गांधी से कोई मतभेद नहीं है. जो कुछ भी था, मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी. उसके बाद उन्होंने मुझे पांच साल के लिए राज्यपाल बनाया था. मुझे सोनिया और राहुल गांधी से कोई समस्या नहीं है."

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कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह G23 से बहुत पहले मार्गरेट अल्वा कांग्रेस की इन-हाउस आलोचक थीं और उनकी पुस्तक "करेज एंड कमिटमेंट: एन ऑटोबायोग्राफी" के प्रकाशित होने के बाद से आंतरिक कलह की खबरें आई थीं.

कांग्रेस जिस बुरे दौर से गुजर रही है, उसके बारे में पूछे जाने पर अल्वा ने कहा कि हर पार्टी में चुनौतियां होती हैं.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने कहा, "बीजेपी के पास एक समय में दो सीटें थीं और वह आगे बढ़ गईं. आप नहीं जानते कि कल कौन कहां होगा. मुझे विश्वास है कि कांग्रेस इस गिरावट के दौर से निकलकर वापस लड़ने में सक्षम होगी."

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