बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने के बाद लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं और 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं. रविवार को भी दिल्ली में नीतीश कुमार ने लालू यादव के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद फिर से मिलने बुलाया है. वहीं हरियाणा में आइएनएलडी की रैली में कांग्रेस को नहीं बुलाए जाने पर उन्होंने कहा कि ये उनका निजी कार्यक्रम था, कोई पॉलिटिकल कार्यक्रम नहीं था. हम तो 2016 में भी गए थे. उनका देवीलाल जी का कार्यक्रम था.
नीतीश कुमार ने कहा कि समझ लीजिए कि जो कुछ भी हो रहा है और जितने दल के लोगों से बातचीत हुई है, उन सबने खुद भी फोन किया है और सबसे जो बातचीत हुई है, वह अच्छी बातचीत हुई है. धीरे-धीरे बहुत सारे दलों की एकजुटता होगी और मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इसकी पूरी संभावना है और इस पर पॉजिटिव बात होती रहती है. 2024 के चेहरे को लेकर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है, अभी हम एकजुट करने में ही जुटे हुए हैं.
वहीं अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी के एक प्लेटफार्म पर आने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि अभी तो सबसे बातचीत हुई है और बात हो रही है, लेकिन अब बीजेपी के साइड से कोई कुछ कहता है तो उनको तो बोलते ही रहना है, बिहार के लोग कुछ बोलते रहते हैं वह इसलिए बोलते हैं कि दिल्ली में उनको कुछ मिले.
सुशील मोदी के बयान पर नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं वो क्या बोल रहे हैं, बोलेंगे तभी ना उनको फ़ायदा होगा. उन लोगों का किसी बात पर बोलने का मतलब नहीं है, वो लोग ऐसे ही बोलते रहते हैं.
सुधाकर सिंह के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे यहां कोई घूस लेता है तो पकड़ा जाता है. 2005 से देख लीजिए. कौन क्या बोला है हमको नहीं पता.