शराबबंदी कानून को सफल करने में शिक्षकों की सेवा लेने के बिहार सरकार के फैसले का विरोध

बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitesh Kumar) के नेतृत्व वाली सरकार के एक आदेश को लेकर घमासान शुरू हो गया है जिसमें सरकारी स्कूल के शिक्षकों से राज्य के शराब निषेध कानून के उल्लंघन को रोकने के लिए अपनी ओर से प्रयास करने का आह्वान किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
बिहार में जहरीली शराब से 50 से अधिक लोग जान गवां चुके है, जिसके बाद ये कदम उठाया गया.
पटना:

बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitesh Kumar) के नेतृत्व वाली सरकार के एक आदेश को लेकर घमासान शुरू हो गया है जिसमें सरकारी स्कूल के शिक्षकों से राज्य के शराब निषेध कानून के उल्लंघन को रोकने के लिए अपनी ओर से प्रयास करने का आह्वान किया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा राज्य भर के अधिकारियों को शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें यह आदेश दिया गया है कि स्कूलों के शिक्षण कर्मचारियों को ‘‘नशामुक्ति'' के बारे में जागरूक किया जाए और शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध के उल्लंघन के बारे में जानकारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. राज्य में लगभग छह वर्षों से शराबबंदी लागू है.

सरकार ने आदेश में आश्वासन दिया है कि मामलों की सूचना देने वाले शिक्षकों की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा. शिक्षकों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि स्कूलों के परिसरों को अवैध शराब के कारोबार का ठिकाने न बनने दें. विपक्षी दलों ने शिक्षकों को एक और गैर-शिक्षण कार्य में शामिल करने के लिए सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता असित तिवारी ने कहा, ‘कुछ साल पहले, शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि लोग खुले में शौच न करें और सरकार खुले में शौचमुक्त के अपने संदिग्ध दावों पर शर्मसार हुई. अब वे एक और बेवकूफी कर रहे हैं.''

बिहार: शिक्षा विभाग के अधिकारियों को देनी होगी चोरी छुपे नशा करने वालों की सूचना

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने इस आदेश को ‘तुगलकी'' करार दिया और कहा कि यह शक्तिशाली ‘शराब माफिया' के साथ सीधे टकराव में लाकर शिक्षकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है. शिक्षक भी इस दृष्टिकोण से सहमत प्रतीत होते हैं. शिक्षकों के एक संगठन के प्रवक्ता अश्विनी पांडे ने इस आशय का एक वीडियो बयान जारी किया. पांडे ने कहा, ‘शिक्षा का अधिकार कानून में कहा गया है कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाना चाहिए. सरकार से इस आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया जाता है.''

Advertisement

'जो छात्र अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं, नीतीश कुमार उन्हें पिटवाते हैं' : तेजप्रताप के निशाने पर बिहार के CM

Advertisement

हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, ‘समाज को आकार देने में शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अगर उन्हें एक सामाजिक बुराई शराब के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए कहा जाता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.''

Advertisement

मुख्यमंत्री की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि विपक्ष आदेश को ‘मनमाना'' कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है. कुमार ने सवाल किया, ‘इसमें मनमाना क्या है? क्या शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है? क्या शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला को सफल बनाने में शिक्षकों ने अहम भूमिका नहीं निभाई?'' पिछले साल नवंबर से अब तक आधा दर्जन जिलों में जहरीली शराब की त्रासदियों में 50 से अधिक लोगों की जान गई है जिसके बाद से सरकार कई कदम उठा रही है.

Advertisement

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
26/11 Mumbai में मौत बांटने वाला Doctor, अब जुर्म का हिसाब देने का वक्त आया | Underworld Diary
Topics mentioned in this article