अखिलेश यादव के केदारेश्‍वर मंदिर का विरोध, केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने दी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया है. इस मंदिर के निर्माण से केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों काफी नाराज हैं और विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.

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  • समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के इटावा में केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया है.
  • केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज ने इस निर्माण को धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए कड़ा विरोध जताया है.
  • तीर्थ पुरोहितों ने सपा प्रमुख के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और उनके घर के बाहर विरोध करने की चेतावनी दी है।
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देहरादून:

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इटावा में केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवाए जाने से केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर निर्माण का विरोध किया गया था, ठीक उसी तरह केदारेश्वर मंदिर का भी विरोध किया जाएगा. इसके लिए अगर तीर्थ पुरोहितों को सपा प्रमुख के घर के बाहर भी धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा तो तीर्थ पुरोहित पीछे नहीं हटेंगे. वहीं इस मामले में बीकेटीसी के चुप्पी साधने पर भी तीर्थ पुरोहित समाज ने सवाल खड़े किए हैं.

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया है. इस मंदिर के निर्माण से केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों काफी नाराज हैं और विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.

धार्मिक परंपराओं का उल्‍लंघन: त्रिवेदी

चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष और केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बयान जारी करते हुए कहा कि केदारनाथ धाम का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जो श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसी नाम और स्वरूप का मंदिर किसी अन्य राज्य में बनाए जाने से धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन हो रहा है.

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उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इटावा में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण हुआ है, जो सरासर केदारघाटी वासियों के साथ ही देश-विदेश के करोड़ों हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र के साथ खिलवाड़ है. उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड की कैबिनेट में प्रस्ताव मंजूर हुआ था कि कहीं भी केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण नहीं होगा. बावजूद इसके इटावा में केदारेश्वर मंदिर का निर्माण केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर की तरह किया गया, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मंदिर निर्माण कार्य का विरोध किया गया था.

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धरना-प्रदर्शन की दी चेतावनी

उन्‍होंने कहा कि चारधाम महापंचायत चुप नहीं बैठेगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के साथ ही उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि पहले भी केदारनाथ धाम नाम से दिल्ली में एक मंदिर का निर्माण कार्य जा रहा था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था और बाद में उस मंदिर के निर्माण कार्य को रोक दिया गया था.

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वहीं उन्होंने इस मामले में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बीकेटीसी यात्रियों को कोई सुविधा नहीं दे पा रही है, जबकि बीकेटीसी का कमाई पर पूरा ध्यान है.

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योगी सरकार से लगाई गुहार

उन्‍होंने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक बार भी केदारनाथ धाम नहीं आए और उन्होंने इटावा में केदारनाथ धाम का प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण करवा दिया. उन्होंने योगी सरकार से मांग करते हुए कहा कि इटावा में बने केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का नाम, कलर और मॉडल चेंज किया जाए, अन्यथा केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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