'विधेयकों को लेकर हमें धमकी दी गई' : 8 केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष पर साधा निशाना

हंगामे और प्रदर्शन के बीच संसद का मानसून सत्र अचानक खत्‍म करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने विपक्ष पर हमला बोला है. सरकार के सात मंत्रियों ने गुरुवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर कहा कि विपक्ष को इस मसले पर माफी मांगनी चाहिए.

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संसद मॉनसून सत्र : सात केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कान्‍फ्रेंस करके सरकार का पक्ष रखा
नई दिल्ली:

Parliament Monsoon session: 'विपक्ष को अपने विघटनकारी और धमकीभरे व्‍यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए इसके कारण संसद के मॉनसून सत्र को तय तिथि के दो दिन पहले ही खत्‍म करने पर मजबूर होना पड़ा.' सरकार ने गुरुवार को यह बात कही. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के सात मंत्रियों ने पक्ष रखते हुए विपक्षी पार्टियों के इन आरोपों को सिरे से नकारा कि आउटसाइडर्स, जो संसद सुरक्षा का हिस्‍सा नहीं थे, को महिला संसदों सहित विपक्षी नेताओं के साथ 'हाथापाई' करने के लिए लाया गया. .उन्‍होंने अराजकता को विपक्ष का एजेंडा बताया. सरकार की ओर से कहा गया कि हंगामे के साथ साथ मंत्रियों के बयान को फाड़ा तक गया.

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष का एकमात्र एजेंडा सड़कों से लेकर संसद तक अराजकता पैदा करना था. जो कुछ भी हुआ, वह शर्मसार करने वाला था. उन्‍होंने कहा कि देश के लोगों ने सरकार को एक ड्यूटी दी है यह है उनकी समस्‍याओं के समाधान की लेकिन हम सबने देखा कि किस तरह विपक्ष ने संसद में कामकाज नहीं होने दिया. घडि़याली आंसू बहाने के बजाय विपक्ष को शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए और देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. राज्यसभा में महासचिव की मेज नाचने और विरोध करने के लिए नहीं है:

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केंद्रीय मंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि बुधवार से एक दिन पहले, कुछ सांसद टेबल पर (संसद में) चढ़ गए, वे ऐसा करके शायद वर्ग महसूस कर रहे थे और उन्‍हें लग रहा था कि वे बहुत बड़ा काम कर रहे हैं. इसका वीडियो शूट करने के बाद उन्‍होंने ट्वीट किया.  नए मंत्रियों को परिचय तक नहीं देने दिया गया. गौरतलब है कि 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ संसद का मॉनसून सत्र 13 अगस्‍त को समाप्‍त होना था लेकिन विपक्ष के हंगामे/प्रदर्शन के चलते सत्र को छोटा करके बुधवार को ही खत्‍म करना पड़ा.मंत्री पीयूष गोयल बोले, 'विपक्ष के सांसदों का व्‍यवहार अशोभनीय था, उन्‍होंने फर्नीचर तोड़ा, दरवाजे तोड़े]  मंत्रियों के हाथ से पेपर खींचे, महिला मार्शल को जख्‍मी किया. वे फर्नीचर पर चढ़ गए और डेस्‍क-कुर्सियों पर पैरों से प्रहार किए. यह व्‍यवहार अस्‍वीकार्य है. 'उन्‍होंने कहा कि विपक्ष का ‘‘मेरे तरीके से नहीं तो किसी भी तरीके से नहीं'' का रवैया बहुत निंदनीय है और देश भी ऐसे रुख की निंदा करता है.पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष इस तथ्य को पचा नहीं पा रहा है कि देश ने उस पर भरोसा करना बंद कर दिया है.केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी और धर्मेंद्र यादव ने भी इस दौरान अपनी बात रखी.

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महिलाओं सहित सांसदों से हाथापाई के लिए बाहर से लोग बुलाए गए : विपक्ष

इससे पहले, संसद के मॉनसून सत्र (Parliament monsoon session) के अचानक समाप्‍त होने और उच्‍च सदन में कुछ महिला सांसदों पर कथित हमले के खिलाफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अन्‍य विपक्षी नेताओं ने गुरुवार सुबह संसद परिसर के बाहर मार्च निकाला. समाचार एजेंसी ANI ने राहुल गांधी के हवाले से कहा, 'आज हम आपके साथ (मीडिया) बात करने के लिए आए हैं क्‍योंकि हमें संसद के अंदर बोलने का मौका नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र की 'हत्‍या' है.'कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद सत्र खत्‍म हो गया है लेकिन जहां तक देश के 60 फीसदी का सवाल है...कोई संसद सत्र नहीं हुआ है. देश के 60 प्रतिशत की आवाज को कुचला गया है, अपमानित किया गया है और राज्‍यसभा में कल शारीरिक रूप से पीटा गया. कांग्रेस नेता शरद पवार ने आरोप लगाया कि महिलाओं पर 'हमला' करने और सदन में सांसदों से हाथापाई के लिए 40 से अधिक महिला-पुरुषों को सदन में लाए जाने का आरोप लगाया.

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