कांग्रेस (Congress) समेत विपक्ष के कई दलों क कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार प्रवर्तन निदेशालय (ED) को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि इस मामले में कल तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 2018 के प्रावधानों को अहम मानकर याचिका को खारिज कर दिया. सिंघवी ने कहा कि पिछले आठ साल में एजेंसी अपने सरकारी उत्तर दायित्वों को भूल गई है. संघवी ने कहा कि ईडी की 98 प्रतिशत रेड विपक्षी नेताओं पर हुई है. अगर कोई बीच में रेड के बाद पार्टी बदलकर इनके पाले में चला जाता है तो उसके खिलाफ जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.
विपक्षी राजनीतिक दलों का आरोप है कि पिछले आठ सालों में विपक्ष के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इनसे मिल जाता है उनके खिलाफ मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और जो विपक्ष में रहता है उसे परेशान किया जाता है.
सिंघवी ने कहा कि संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार 2004 से लेकर 2014 तक ईडी ने कुल 112 रेड की जबकि 2014 से लेकर 2022 तक ईडी ने 30000 रेड की है. इससे साफ पता चलता है कि ईडी का सरकार अपने विपक्षी दलों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करती है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से अधिक से समय से स्थायी प्रमुख नहीं नियुक्त किया गया है. सिंगवी ने कहा कि इन सब बातों का SC को संज्ञान लेना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि 2018 में संविधान में संसोधन कर ईडी को और भी ताकतवर बना दिया गया है.
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