विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है, उनकी चिंताओं को दूर करेंगे : पीएम नरेंद्र मोदी

किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसनों को समझाने की कोश‍िश की. गुजरात के कच्छ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फाउंडेशन स्टोर लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधा.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
किसान आंदोलन: PM नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर साधा न‍िशाना
नई दिल्ली:

किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर किसनों को समझाने की कोश‍िश की. गुजरात के कच्छ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फाउंडेशन स्टोन लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे. आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए.''

पीएम मोदी ने कहा, ''कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी. अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए. आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं. वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे. जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है. किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रहा है.''

Advertisement

पीएम मोदी ने कहा, ''आज गुजरात और देश के महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि भी है. केवड़िया में उनकी दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा हमें दिन रात एकजुट होकर देश के लिए काम करने की प्रेरणा देती है. आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। सोचिए, हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क. जितना बड़ा सिंगापुर व बेहरीन देश है, उतना बड़ा कच्छ में हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क होने वाला है.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ''एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है. कनेक्टिविटी नहीं है. चुनौती का एक प्रकार से ये दूसरा नाम था. आज स्थिति ऐसी है कि लोग सिफारिश करते हैं कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Meerapur Assembly Seat इस बार किसे चुनेंगी, क्या कहता है यहां का सियासी समीकरण? | UP By Elections
Topics mentioned in this article