पाक ने तबाह कर दिया था रनवे और फिर... भुज की वो शौर्यगाथा, जो रौंगटे खड़े करती है

8 दिसंबर 1971 को पाक सेना (1971 India-Pakistan War) ने भुज के रुद्र माता एयरफोर्स बेस पर जमकर बम गोले बरसाए थे. दुश्मन ने इस एयरबेस पर 14 दिन में 35 बार हमला किया. लेकिन फिर भी पाकिस्तानी सेना भारत के आगे टिक नहीं सकी.

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राजनाथ सिंह ने भुज में किया 1971 भारत-पाक युद्ध का जिक्र.

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को पहली बार गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन (Rajnath Singh Bhuj Air Force Base) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना, वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल के जवानों का हौसला बढ़ाया. यह वही वायु सेना स्टेशन है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर  (Operation Sindoor) के दौरान पाकिस्तान सेना ने एक बार फिर निशाना बनाने की कोशिश की,  लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी.  भुज वायु सेना स्टेशन पहुंचे रक्षा मंत्री ने जवानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि पाक को धूल चटाने का भुज का बहुत ही पुराना इतिहास रहा है. 

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भुज एयबरेस पर पाक ने 14 दिन में 35 बार किया था हमला

दरअसल रक्षा मंत्री 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात कर रहे थे. 14 दिन तक चले युद्ध के दौरान दोनों देशों के बॉर्डर पर जमकर बमबारी हो रही थी. 8 दिसंबर 1971 को पाक सेना ने भुज के रुद्र माता एयरफोर्स बेस पर 14 नेपाम बम गिराए थे. दुश्मन ने इस एयरबेस पर 14 दिन में 35 बार हमला किया. दुश्मन ने यहां पर करीब 92 बम और 22 रॉकेट्स दागे थे. इन हमलों में ये एयरबेस पूरी तरह तबाह हो गया था. 

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भुज एयरबेस हो गया था तबाह, महज 72 घंटे में फिर बना

उस समय एयरबेस के कमांडर रहे स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार कार्णिक के सामने इस एयर स्ट्रिप को ठीक करना सबसे बड़ी चुनौती थी. बीएसएफ से पास भी मदद के लिए पर्याप्त जवान नहीं थे. जिसके बाद माधापुर गांव की 300 महिलाओं ने मिलकर महज 72 घंटे में एयरस्ट्रिप को फिर से बना दिया था, ताकि सेना के फाइटर जेट वहां से फिर उड़ान भर सकें.  

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14 दिन तक युद्ध के बाद पाक सेना को टेकने पड़े थे घुटने 

पाक सेना ने भले ही भुज एयरबेस को निशाना बनाया लेकिन वह सेना के हौसले कम नहीं हुए. 14 दिन चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाक सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. युद्ध के अंतिम दिन यानी कि 16 दिसंबर 1971 को लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने ढाका में 93,000 सैनिकों संग सरेंडर कर दिया. इस जीत से दक्षिण एशिया में ने भारत की शक्ति और बढ़ गई. बता दें कि 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ भारत-पाक युद्ध 16 दिसंबर तक चला था, जिसमें पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी थी.

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भुज एयरबेस को फिर बनाया निशाना, पाक सेना ने मुंह की खाई

ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाक सेना ने अपनी दुखती रग भुज एयरबेस को एक बार फिर से निशाना बनाने की कोशिश की. लेकिन  एक बार फिर से भारतीय सशस्त्र बलों के आगे वह सफल नहीं हो सकी. 
 

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