देश के खिलाफ जहर उगलने वालों की खैर नहीं, डिजिटल स्ट्राइक के तहत हो रहा ये एक्शन

AI एल्गोरिदम के जरिए किसी भी पोस्ट, वीडियो या मैसेज में आतंकी विचारधारा, फेक न्यूज, सांप्रदायिक भड़काऊ पोस्ट, देशद्रोह या अश्लील सामग्री को पहचाना जाता है और इसके बाद एक्शन लिया जाता है.

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  • भारत में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और अन्य खुफिया एजेंसियां ऑपरेशन डिजिटल स्ट्राइक के तहत देशविरोधी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगातार कार्रवाई कर रही है
  • NIA की विशेष टीम AI टूल्स की मदद से फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध कंटेंट की निगरानी करती ह
  • खालिस्तान समर्थक, ISIS, पाकिस्तान और चीन के एजेंट और विदेशी गैंगस्टर डिजिटल ऑपरेशन के मुख्य लक्ष्य हैं जिन्हें सोशल मीडिया पर ब्लॉक किया जा रहा है
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नई दिल्ली:

भारत में अब सिर्फ सरहद पर ही दुश्मनों को नहीं रोका जा रहा, बल्कि डिजिटल दुनिया में भी रोकने की मुहिम छेड़ दी गई है. और ये हो रहा है — ऑपरेशन डिजिटल स्ट्राइक. देश के खिलाफ जहर उगलने, नफरत फैलाने और आतंक का प्रोपेगेंडा करने वाले तमाम सोशल मीडिया अकाउंट्स पर NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) और दूसरी खुफिया एजेंसियां लगातार शिकंजा कस रही हैं. इनमें सिर्फ भारत के अंदर के लोग ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान, चीन, खालिस्तान समर्थक गुट, ISIS के प्रचारक और विदेश में बैठे गैंगस्टर तक शामिल हैं.

कैसे चलता है ये डिजिटल ऑपरेशन?

NIA के पास एक खास टीम है, जो सोशल मीडिया पर चौबीसों घंटे नजर रखती है. ये टीम Facebook, Instagram, X (Twitter), YouTube, Telegram, WhatsApp जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देशविरोधी कंटेंट को AI टूल्स की मदद से स्कैन करती है. AI एल्गोरिदम के जरिए किसी भी पोस्ट, वीडियो या मैसेज में आतंकी विचारधारा, फेक न्यूज, सांप्रदायिक भड़काऊ पोस्ट, देशद्रोह या अश्लील सामग्री को पहचाना जाता है और इसके बाद एक्शन लिया जाता है.

संदिग्ध अकाउंट के पोस्ट, मैसेज, शेयरिंग हिस्ट्री, IP एड्रेस आदि का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है. स्क्रीनशॉट, लिंक और तकनीकी मेटाडेटा सेव किए जाते हैं, ताकि बाद में कोर्ट या कंपनियों को दिखाया जा सके. एजेंसी सोशल मीडिया कंपनी जैसे Meta, X, YouTube, Telegram को Blocking Request भेजती है. ये अनुरोध आमतौर पर भारतीय कानून की  अलग अलग धाराओं के तहत जाते हैं. एजेंसी गृह मंत्रालय के जरिए भी एकाउंट ब्लॉक करवाती है

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किन्हें बनाया जा रहा है टारगेट?

  • खालिस्तान समर्थक अकाउंट्स
  • ISIS समर्थक अकाउंट्स और उनके प्रचारक
  • पाकिस्तान व चीन के इशारे पर प्रोपेगेंडा चलाने वाले अकाउंट
  • विदेशी गैंगस्टर जो भारत में गैंगवार और सुपारी किलिंग का नेटवर्क चला रहे हैं

आंकड़े जो बताते हैं डिजिटल वार की गहराई

NIA इन सभी पर विशेष नजर रख रही है. साल 2014 में जहां सिर्फ 471 अकाउंट/URLs ब्लॉक किए गए थे, वहीं 2023 में ये आंकड़ा 12,483 तक पहुंच गया. 2024 में सितंबर तक ही 8,821 सोशल मीडिया लिंक/अकाउंट ब्लॉक किए जा चुके हैं. प्लेटफॉर्म वाइज देखें तो Facebook पर 11,000, X (Twitter) पर 10,139, YouTube पर 2,200, Instagram पर 2,198 के करीब URLs 2021–24 के बीच ब्लॉक किए गए. जबकि WhatsApp और Telegram पर भी सैकड़ों ग्रुप्स व अकाउंट्स पर ताला लग चुका है.

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ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा प्रहार

हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान करीब 8,000 पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया. ये अकाउंट भारत में धार्मिक नफरत फैलाने, फर्जी वीडियो के जरिए दंगे भड़काने और देश के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे.

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