"केवल झूठा आश्वासन": संजय राउत ने रेलवे 'कवच' को लेकर विवाद के बीच केंद्र पर कसा तंज

ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

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संजय राउत ने माधवराव सिंधिया और लाल बहादुर शास्त्री के रेल मंत्री पद से इस्तीफे की ओर इशारा किया.
मुंबई:

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सोमवार को बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सरकार से इस घटना की जिम्मेदारी तय करने की मांग की. उन्होंने स्वदेशी रूप से विकसित टक्कर रोधी प्रणाली 'कवच' को असल में व्यापक रूप से लागू किए बिना, इसके बारे में बहुत अधिक बात करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. संजय राउत ने कहा, "उन्होंने (केंद्र सरकार) 'कवच' के बारे में बात की, लेकिन यह वहां नहीं है. वे केवल झूठे आश्वासन देते हैं."

संजय राउत ने माधवराव सिंधिया और लाल बहादुर शास्त्री के रेल मंत्री पद से इस्तीफे की ओर इशारा किया, जब उनके संबंधित कार्यकाल के दौरान बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा, "माधवराव सिंधिया और लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिक आधार पर (मंत्री पद से) इस्तीफा दिया. क्या यह केंद्र सरकार और रेल मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?"

बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की आलोचना की. कई नेताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की भी मांग की है. कांग्रेस ने घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच शुरू करने पर केंद्र से भी सवाल किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या कोई अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं के लिए जवाबदेही तय नहीं कर सकती है.

उन्‍होंने कहा, "लगातार त्रुटिपूर्ण निर्णय लेने से रेल यात्रा असुरक्षित हो गई है और बदले में हमारे लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं."

खरगे ने पत्र में कहा, "दुर्भाग्य से, प्रभारी लोग (आप स्वयं और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव) यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि समस्याएं हैं. रेल मंत्री का दावा है कि उन्हें पहले ही एक मूल कारण मिल गया है, लेकिन फिर भी उन्होंने सीबीआई से जांच करने का अनुरोध किया है. सीबीआई जांच कर रही है. लेकिन इसका काम अपराधों की जांच करना है, रेलवे दुर्घटनाओं की नहीं. सीबीआई या कोई अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी, तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं के लिए जवाबदेही तय नहीं कर सकतीं. इसके अलावा, उनके पास रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग और रखरखाव के काम में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है." 

बता दें कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

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