देश में वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पिछले काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पर जेपीसी की आज बैठक (JPC Meeting) होनी है. शुक्रवार दोपहर 3 बजे जेपीसी की बैठक होगी. इस दौरान बिल पर चर्चा की रूपरेखा तय की जाएगी. बता दें कि जेपीसी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद पीपी चौधरी है. दरअसल गुरुवार को यह मुद्दा सर्वदलीय बैठक में जेडीयू सांसद संजय झा ने उठाया था.
जेपीसी रिपोर्ट पर क्या है अन्य दलों की राय?
वहीं दूसरी पार्टियों ने भी कहा था की जेपीसी को अपनी रिपोर्ट जल्दबाजी में नहीं देनी चाहिए. उनका कहना था कि जरूरत पड़ने पर रिपोर्ट देने की समय सीमा को बढ़ा देना चाहिए. बता दें कि फिलहाल जेपीसी को रिपोर्ट सौंपने के लिए बजट सत्र के आखिरी हफ्ते तक का समय दिया गया है. लेकिन अन्य दलों का कहना है कि जल्दबाजी में रिपोर्ट देना सही नहीं होगा. इसके लिए समय सीमा को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए.
वन नेशन वन इलेक्शन बिल क्या है?
देश में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर कराए जाने की व्यवस्था है. सरकार न नेशन वन इलेक्शन की बात पिछले काफी समय से कह रही है. इसका मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराए जाएं. पीएम नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2020 में कहा था कि "एक देश एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं, बल्कि भारत की जरूरत है. हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं. इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं. अगर पूरे देश में चुनाव एक साथ होंगे तो इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी.