कर्नाटक के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भविष्य में एक दिन आएगा जब देश के सभी मुसलमान और ईसाई स्वयं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जोड़ेंगे. कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री का यह बयान विधानसभा में चर्चा के दौरान उस समय आया जब विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने ‘‘हमारा आरएसएस' शब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि एक दिन आएगा जब विपक्षी विधायक भी यही कहेंगे. हालांकि, कांग्रेस सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई. इसकी शुरुआत तब हुई जब नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने कुछ भाजपा नेताओं और मंत्रियों से निजी संबंध होने के बारे में बोलते हुए भगवा संगठन का संदर्भ दिया.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘निजी संबंध अहम हैं, इसके बाद भाजपा, आरएसएस, कांग्रेस और अन्य पार्टी का अंतर आता है.'' इसपर हल्के फुल्के अंदाज में स्पीकर ने सिद्धरमैया से पूछा, ‘‘आप क्यों हमारे आरएसएस से परेशानी महसूस करते हैं.''
स्पीकर की टिप्पणी पर सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि वह किसी भावना की वजह से नहीं बोल रहे हैं. कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान ने कहा, ‘‘आप इस (स्पीकर) कुर्सी पर बैठकर कह रहे हैं ‘हमारा आरएसएस'?''
इसपर कागेरी ने कहा, ‘‘और क्या, अगर हमारा आरएसएस नहीं तो...? हां...यह हमारा आरएसएस है. आरएसएस हमारा है....जमीर, मैं आपको एक बात कहता हूं, अगर आज नहीं तो भविष्य में एक दिन हमारे देश में आएगा,जब आप भी कहंगे -हमारा आरएसएस- निश्चित तौर पर.''
इस पर खान सहित कांग्रेस के कुछ विधायकों ने कहा कि वह दिन कभी नहीं आएगा और वे ऐसा कभी नहीं कहेंगे. सिद्धरमैया ने भी कहा कि वह भी आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का विरोध करते हैं क्योंकि उनकी वजह से इस देश में ‘मनुवाद' स्थापित होगा.'' इसपर हस्तक्षेप करते हुए राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि आरएसएस ‘सर्व व्यापी और सर्व स्पर्शी' हो चुका है.
उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा इसे देश के लिए ‘दुर्भाग्य' करार दिए जाने की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रपति,उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सभी आरएसएस से हैं, अब सभी को इसे स्वीकार करना होगा...यह हमारा सौभाग्य है.''
मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘इस देश के सभी मुसलमान और ईसाई, आज नहीं तो भविष्य में एक दिन खुद को आरएसएस से जोड़ेंगे. इसमें कोई संदेह नहीं है.' मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस के कुछ विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
स्पीकर के बयान पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने रेखांकित किया कि उन्होंने आसन से पिछले साल संविधान पर चर्चा के दौरान संवैधानिक मूल्यों पर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा, ‘‘उस समय आपने दावा किया कि आप संविधान के लिए हैं, और अब आप कह रहे हैं कि आप आरएसएस के समर्थन में हैं.''
खड़गे ने दावा किया कि पूर्व में आरएसएस ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन के दौरान संविधान की प्रति जलाई थी क्योंकि वे ‘मनुवाद' चाहते हैं. इसपर स्पीकर और भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताई और कहा कि वह ‘‘अवांछित गलत बातें' नहीं कहें. स्पीकर ने खड़गे से कहा,‘‘यह सही नहीं है...अगर आपको राजनीति करनी है तो बाहर जाकर करिए.''
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