भारत की पहली क्षेत्रीय रेल ‘रैपिडएक्स' में महिलाओं के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित की जाएगी और इसके लिए हर ट्रेन में एक डिब्बा महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा. एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई.
बयान के मुताबिक, हर स्टेशन पर बच्चों का ‘डायपर' बदलने के लिए एक खास स्थान का भी प्रावधान किया गया है. बयान में कहा गया, ‘‘दिल्ली से मेरठ की दिशा में प्रस्थान वाली ट्रेन का दूसरा डिब्बा यानी ‘प्रीमियम कोच' के ठीक बाद का कोच महिला कोच होगा. जबकि मेरठ से दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेन का अंतिम से पहला डिब्बा महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा.''
बयान के मुताबिक, इस आरक्षित डिब्बे में 72 लोगों के बैठने की क्षमता होगी. वहीं, अन्य डिब्बों में भी दस अतिरिक्त सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. बयान में कहा गया है, ‘‘छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, स्टेशन पर डायपर बदलने वाले स्थान का भी प्रावधान किया गया है.''
प्रत्येक रैपिडएक्स ट्रेन में एक ‘ट्रेन अटेंडेंट' की भी नियुक्ति की जाएगी, जो यात्रियों को ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. बयान के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) का उद्देश्य दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के 82 किलोमीटर लंबे खंड को 2025 तक पूरी तरह जनता को समर्पित करना है. इससे पहले, एनसीआरटीसी साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे खंड का संचालन बहुत जल्द शुरू करेगा.
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