कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के अधिक संक्रामक होने और बिना लक्षण वाले अधिक मामले सामने आने के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने 9 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 संबंधी टेस्टिंग बढ़ाने को कहा है, ताकि ये मरीज दूसरों को संक्रमित ना करें. तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और बिहार को लिखे पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने मामलों और संक्रमण दर के बढ़ने के बीच कोविड-19 जांच दर कम होने की ओर इशारा किया और कहा कि यह ‘‘चिंता का कारण'' है.
आहूजा ने 5 जनवरी को लिखे पत्र में कहा कि पर्याप्त जांच ना होने पर समुदाय में फैले संक्रमण के सही स्तर का निर्धारण करना असंभव है. उन्होंने कहा, ‘‘ ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (वीओसी) ओमिक्रॉन के अधिक मामले सामने आने और टीकाकरण दर अधिक होने के बावजूद अधिकतर देशों में मामले बढ़ने के मद्देनजर कोविड-19 संबंधी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता तथा प्रयासों की आवश्यकता है.''
अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘‘ ओमिक्रॉन के अप्रत्याशित और अत्यधिक संक्रामक होने और अधिकतर संक्रमितों में कोई लक्षण ना होने की बात को ध्यान में रखते हुए, किसी के संक्रमित होते ही तुरंत जांच होने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि मरीज दूसरों को संक्रमित ना करें.''
आहूजा ने कहा कि यह पाया गया कि नए मामलों और संक्रमण दर के बढ़ने के बीच कोविड-19 जांच दर कम हुई है जो ‘‘चिंता का कारण'' है. उन्होंने राज्यों को परीक्षण सामग्री, किट आदि के पर्याप्त भंडार की समीक्षा करने तथा उपलब्धता सुनिश्चित करने और जांच सुविधाओं संबंधित जरूरी सामान की नियमित व्यवस्था करने की सलाह दी.
भारत में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामले, 'आर नॉट वैल्यू' दूसरी लहर के चरम से अधिक
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में गुरुवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले सामने आए, जिससे इस स्वरूप से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई.
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