जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. शपथ ग्रहण से पहले उमर अब्दुल्ला ने शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस पार्टी सरकार में शामिल नहीं हुई है. कांग्रेस ने उमर सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला लिया है. उमर अब्दुल्ला के साथ NC की तरफ से सुरिंदर चौधरी, जावेद डार, सकीना इट्टू, जावेद राणा और सतीश शर्मा मंत्री बनाए गए हैं. सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम बनाए गए हैं.शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया गठबंधन के कई दिग्गज नेता पहुंचे थे. मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे.
कौन हैं सुरिंदर चौधरी जिन्हें बनाया गया है डिप्टी सीएम
सुरिंदर चौधरी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना को चुनाव में हराया था. उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. सुरिंदर चौधरी पहले पीडीपी में भी रह चुके हैं. साल 2014 में भी सुरिंदर चौधरी ने नौशेरा से ही चुनाव लड़ा था, लेकिन तब रवींद्र रैना 10 हजार वोटों से चुनाव जीत गए थे.
जावेद डार कौन हैं?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता जावेद अहमद डार राफियाबाद सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. वेद अहमद डार ने 9 हजार 202 के अंतर से जीत दर्ज किया था.जावेद डार जिस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं उसे नेशनल कॉन्फ्रेंस गढ़ माना जाता है.
सकीना इट्टू को भी मिला मंत्रिमंडल में जगह
उमर अब्दुल्ला के साथ सकीना इटटू ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम की डीएच पोरा विधानसभा सीट से उन्होंने चुनाव जीता था. पहली बार साल 1996 में वो चुनाव जीतने में सफल रही थीं.उस समय वो विधानसभा में सबसे युवा सदस्य थी. सकीना इटटू पहले भी मंत्री रह चुकी हैं. समाज कल्याण राज्य मंत्री और लोक निर्माण जैसे विभागों की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली थी.
पीर पंजाल रेज से आते हैं जावेद अहमद राणा
जावेद अहमद राणा को भी उमर अब्दुल्ला की सरकार में मंत्री बनाया गया है. जावेद अहमद राणा पीर पंजाल रेंज के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष रह चुके हैं. राणा नेशनल कॉन्फ्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. हालांकि पीएम मोदी को लेकर विवादस्पद बयान को लेकर साल 2019 में उनकी बेहद आलोचना हुई थी.
सतीश शर्मा को भी मिला मंत्री पद
सतीश शर्मा निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.हालांकि चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया. सतीश शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजीव शर्मा को चुनाव में हराया था.
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