जिनेवा में ओम बिरला ने महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि, कई देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों से भी की मुलाकात

स्विट्जरलैंड की नेशनल काउंसिल के प्रेसिडेंट, महामहिम एरिक नसबामर के साथ बातचीत करते हुए ओम बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि पिछले साल भारत और स्विट्जरलैंड के बीच मैत्री संधि के 75 पूरे हुए. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने और बहुपक्षीय मंच पर सहयोग बढ़ाए जाने पर जोर दिया.

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नई दिल्ली:

149वीं अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) एसेंबली में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जिनेवा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शांति और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी से आज भी विश्व के नेताओं और राष्ट्रों को प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि गांधीजी की शिक्षाएं देशकाल की सीमाओं से परे  हमें याद दिलाती हैं कि जलवायु परिवर्तन, महिला -पुरुष समानता या संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान एकजुटता, संवेदनशीलता और सहयोग से ही किया जा सकता है.

स्विट्जरलैंड की नेशनल काउंसिल के प्रेसिडेंट, महामहिम एरिक नसबामर के साथ बातचीत करते हुए ओम बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि पिछले साल भारत और स्विट्जरलैंड के बीच मैत्री संधि के 75 पूरे हुए. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने और बहुपक्षीय मंच पर सहयोग बढ़ाए जाने पर जोर दिया. दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और मजबूत करने का आग्रह करते हुए बिरला ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है.

भारत में बढ़ते स्विस निवेश पर संतोष व्यक्त करते हुए, लोक सभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि हाल के वर्षों में भारत में व्यापार करने में आसानी और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास को देखते हुए निवेश में और वृद्धि होगी. उन्होंने भारत और स्विट्जरलैंड की घनिष्ठता को बढ़ाने में स्विस-भारत संसदीय मैत्री समूह की सराहना की.

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थाईलैंड की सीनेट के प्रेसिडेंट, महामहिम  मोंगकोल सुरसाज्जा से मुलाकात के दौरान ओम बिरला ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, संपर्क, संस्कृति और पर्यटन, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में  बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर विचार साझा किए. लोक सभा अध्यक्ष ने भारत और थाईलैंड के बीच सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक संबंधों की बात भी की. दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में बौद्ध धर्म के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि थाईलैंड से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आध्यात्मिक यात्रा के लिए भारत आते हैं. संसदीय संबंधों को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने थाई संसद के सदस्यों और अधिकारियों को PRIDE द्वारा आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया.

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आर्मीनिया की नेशनल एसेंबली के प्रेसिडेंट, महामहिम  एलन सिमोनियन से बातचीत के दौरान बिरला ने भारत और आर्मीनिया के बीच साझा मूल्यों और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी मित्रता की भावना पर आधारित सौहार्दपूर्ण संबंधों के बारे में बात की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आबादी युवा है और राजनीतिक स्थिरता होने के कारण यहां अपार अवसर हैं , इसलिए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की साझेदारी को बढ़ाने की संभावनाएं है.

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मालदीव की पीपुल्स मजलिस के स्पीकर, महामहिम अब्दुल रहीम अब्दुल्ला से मुलाकात के दौरान बिरला ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जो दोनों देशों के नागरिकों के कल्याण में सहायक रहे हैं. लोक सभा अध्यक्ष ने विश्वास व्यक्त किया कि सर्वोत्तम संसदीय प्रथाओं को साझा करने से लोकतांत्रिक प्रणालियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने लोक सभा सचिवालय के  PRIDE संस्थान द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मालदीव की भागीदारी बढ़ाने की बात करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

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लोक सभा अध्यक्ष ने नेपाल की राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष महामहिम नारायण प्रसाद दहल से भी मुलाकात की. इस बात पर जोर देते हुए कि भारत और नेपाल न केवल पड़ोसी देश हैं, बल्कि साझा इतिहास और संस्कृति के संरक्षक भी हैं, लोक सभा अध्यक्ष ने दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया जिसके कारण दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं.

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