Russia-Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन के बीच टकराव से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल और तरलीकृत गैस (LNG) के दाम में तेज उछाल आ सकता है. इसका ऊर्जा आयातक देशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. साख निर्धारण और शोध से जुड़ी कंपनी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को यह कहा. मूडीज इनवेस्टर सर्विस के प्रबंध निदेशक माइकल टेलर ने कहा कि आयात की स्थिति में बदलाव से व्यापार पर असर दिख सकता है. हालांकि, मध्य एशिया में जिंस उत्पादक देशों के पास चीन को आपूर्ति बढ़ाने का विकल्प हो सकता है. आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी बाधाएं बढ़ेंगी और इससे क्षेत्र में मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ेगा. बता दें, हाल के दिनों में यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ा है. रूस ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के अलगावादियों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी और वहां रूसी सेना तैनात कर दी है.
Russia ने Ukraine के 'टुकड़ों को मान्यता देने के लिए' दूसरे देशों को उकसाया, कही यह बात
मूडीज इनवेस्टर सर्विस के प्रबंध निदेशक टेलर ने कहा, ‘‘रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष की स्थिति में वैश्विक स्तर पर तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की वैश्विक कीमतों में तेज उछाल आ सकता है. यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ निर्यातकों के लिये सकारात्मक होगा जबकि काफी संख्या में शुद्ध रूप से ऊर्जा आयातकों पर इसका असर नकारात्मक होगा.''उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, राहत की बात यह है कि कई एशियाई अर्थव्यवस्थाओं का एलएनजी के लिये दीर्घकालीन आपूर्ति अनुबंध है. इससे हाजिर मूल्य में उतार-चढ़ाव का असर कम होगा.''
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर हमले की आशंका तथा रूस पर पश्चिमी देशों की पाबंदियों से वैश्विक कच्चा तेल मानक ब्रेंट क्रूड मंगलवार को 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया. रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है. भारत अपनी कुल कच्चे तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत जबकि प्राकृतिक गैस की आवश्यकताओं का आधा हिस्सा आयात करता है.