दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में दो साल बाद ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं पुन: शुरू

दिल्ली के 120 से ज्यादा निजी स्कूलों की सदस्यता वाले संगठन ‘नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस’ (एनपीएससी) की अध्यक्ष सुधा आचार्य ने कहा कि छात्र इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

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दिल्ली-एनसीआर में दो साल से ज्यादा समय के बाद स्कूलों में ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं फिर से शुरू हुईं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो साल से ज्यादा समय के बाद शुक्रवार को स्कूलों में ‘ऑफलाइन' कक्षाएं फिर से शुरू हुईं. इस दौरान बच्चों के माता-पिता की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने आए अभिभावकों ने यह सुनिश्चित किया कि उनके बच्चों के पास सैनिटाइजर की बोतल अवश्य हो. अधिकतर स्कूल शुक्रवार को फिर से खुल गए, जबकि कई अन्य स्कूलों ने सोमवार से सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ‘ऑफलाइन' कक्षाएं फिर से शुरू करने की योजना बनाई है.

दिल्ली के 120 से ज्यादा निजी स्कूलों की सदस्यता वाले संगठन ‘नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस' (एनपीएससी) की अध्यक्ष सुधा आचार्य ने कहा कि छात्र इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, “दो साल के बाद स्कूल पुनः खुल रहे हैं और छात्र स्कूल वापस जाने के लिए उत्साहित हैं.” आचार्य, दिल्ली के द्वारका स्थित आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका हैं. मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग शुक्रवार को केवल प्री-नर्सरी कक्षा के बच्चों के लिए फिर से खुला जबकि अन्य सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को सोमवार से बुलाया जाएगा.

मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका अल्का कपूर ने कहा, ‘‘आज केवल प्री-नर्सरी के छात्र ही ऑफलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए स्कूल आए. सोमवार से, प्री-नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के सभी छात्रों के लिए स्कूल खुलेगा. हम छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए स्कूल को फिर से खोलने की प्रक्रिया को यथासंभव आरामदायक बनाना चाहते हैं.'' कपूर ने कहा, ‘‘इन दो वर्षों में, बहुत कुछ बदल गया है और हम इन परिवर्तनों को समायोजित कर रहे हैं. हम इस 'नये सामान्य' हालात में कक्षाएं फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं, साथ ही कक्षा में प्रत्यक्ष मौजूदगी के साथ आमने-सामने सीखने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि छात्रों ने उसकी सबसे अधिक कमी महसूस की है.''

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नोएडा एक्सटेंशन के श्रीराम ग्लोबल स्कूल में पांचवीं कक्षा के एक छात्र की माता रश्मि दीक्षित ने कहा, “मेरा बेटा पहले नागपुर में पढ़ता था और आज उसका यहां नए स्कूल में पहला दिन है. वह पिछले एक साल से इस स्कूल की ऑनलाइन कक्षा में शामिल हो रहा था. वह अपने दोस्तों से मिलेगा. छात्र ऑनलाइन कक्षाएं कर रहे थे लेकिन यह उनके लिए अच्छा होगा क्योंकि वे नियमित रूप से स्कूल जाएंगे.” कई अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने में उन्हें परिवहन के साधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

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कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च 2020 में लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के साथ ही स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था. इसके बाद अप्रैल 2021 में महामारी की दूसरी लहर से पहले दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से कुछ कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोला गया था. लेकिन महामारी की भयावह लहर के कारण स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया था. इसके बाद मिलेजुले तरीके से ‘ऑनलाइन' तथा ‘ऑफलाइन' कक्षाएं चालू की गईं थीं. लेकिन, अब राजधानी में स्कूलों में पूरी तरह से ‘ऑफलाइन' कक्षाएं शुरू कर दी गयी हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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