डीपफेक वीडियो बने चिंता... IT मिनिस्‍टर ने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्मों को दिया 7 दिन का समय

सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई...
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक वेबसाइट बनाएगा
  • विवादित पोस्‍ट शेयर करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी
  • "आज से IT नियमों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता है"
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

सोशल मीडिया पर एक के बाद एक डीपफेक वीडियो के आने से चिंतित केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसी सामग्री की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. 

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) एक वेबसाइट विकसित करेगा, जिस पर उपयोगकर्ता आईटी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को बता सकते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एमईआईटीवाई उपयोगकर्ताओं को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा."

मंत्री ने कहा कि पोस्‍ट शेयर करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अगर वे यह खुलासा करते हैं कि पोस्‍ट कहां से आई है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, जिसने सामग्री पोस्ट की है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. चन्द्रशेखर ने कहा, "आज से, आईटी नियमों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता है."

पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक वीडियो बनाने के लिए एआई के दुरुपयोग को चिह्नित किया था और इसे "बड़ी चिंता" कहा था. उन्होंने आगाह किया, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में यह महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए."

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें ऐसे कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया गया था, जो इस तरह के डीपफेक को कवर करते हैं और उनको बनाने व शेयर करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

चन्द्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का एक "कानूनी दायित्व" है. बयान में कहा गया है, "ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर उसे ऐसी रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर हटा दें और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें."

Advertisement

मंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र ने कहा है कि डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें:- 

Featured Video Of The Day
Bangladesh में Hindu लड़की से दुष्कर्म, घर में घुसकर किया गया हमला, बवाल | BREAKING NEWS