उड़ीसा हाई कोर्ट (Odisha High Court) ने एक तहसीलदार (Tehsildar) को सजा के तौर पर 50 पेड़ लगाने का निर्देश दिया है. अदालत ने एक अनपढ़ महिला के मामले को ठीक से सुने बिना उस पर जुर्माना लगाने पर तहसीलदार को यह सजा सुनायी है. न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने हाल ही में पुरी जिले के काकतपुर के तहसीलदार बिरंची नारायण बेहरा को कटक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के किसी भी सेक्टर में सड़कों के किनारे पेड़ लगाने का निर्देश दिया है.
तहसीलदार बेहरा ने महिला मीता दास के खिलाफ बलाना गांव में 0.08 एकड़ गोचर (चारागाह) भूमि पर कथित रूप से कब्जा करने और उस पर कच्चा घर बनाने के लिए स्वत: कार्रवाई की थी. बेहरा ने पिछले साल 15 सितंबर को महिला को वहां से हटने का आदेश जारी किया था और साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
महिला के वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रथ ने कहा कि तहसीलदार ने महिला को सुनवाई का मौका दिए बिना एक 'अनोखा' आदेश पारित किया था. अदालत ने कहा कि ओडिशा राज्य में ऐसे किसी प्राधिकरण द्वारा इस प्रकार की कार्रवाई की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए और वह तहसीलदार को कम से कम 50 पेड़ लगाने का निर्देश देती है.
तहसीलदार ने महिला के खिलाफ उड़ीसा भूमि अतिक्रमण निवारण कानून के तहत कार्रवाई की थी. महिला के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अनपढ़ है और उसे संबंधित कानून की जानकारी नहीं थी तथा तहसीलदार को उसे कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का मौका देना चाहिए था.