बालासोर ट्रेन हादसा : "83 मृतकों की अभी तक नहीं हुई पहचान, शवों को प्रिजर्व करने की कोशिश" : ओडिशा के मुख्य सचिव

मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक बिना पहचान वाले मृतकों की बॉडी हम रखेंगे. इन मृतकों के शरीर को प्रिजर्व रखने की एनालिसिस एक कमिटी कर रही है.

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नई दिल्ली:

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की तादाद 288 पहुंच गई है. अब तक 205 मृतकों की पहचान हो गई है. वहीं 83 शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. एनडीटीवी से बात करते हुए ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि हमारी कोशिश है कि डेड बॉडी को अधिक से अधिक दिनों तक प्रिजर्व कर के रखा जाए. इस काम के लिए DNA, फॉरेंसिक और बाकी डॉक्टर्स की टीम लगी हुई है कि अधिक से अधिक दिनों तक बॉडी को प्रिजर्व कर रखा जाए. अधिकारी ने कहा कि कई मृतकों का शरीर क्षत विक्षत अवस्था में है ऐसे में हम लोग स्पेशलिस्ट की सहायता ले रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा वक्त तक इनको रखा जा सके.

कितने दिनों तक रखा जाएगा शवों को?

उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक बिना पहचान वाले मृतकों की बॉडी हम रखेंगे. इन मृतकों के शरीर को प्रिजर्व रखने की एनालिसिस एक कमिटी कर रही है कि आखिर अधिक से अधिक कितने दिनों तक इनको रखा जा सकता है. सभी मृतकों के शरीर को इंडिविजुअली एग्जामिन किया जा रहा है. मुख्य सचिव ने कहा कि दिल्ली से पहुंची टीम और अन्य टीमों की तरफ से यह तय किया जा रहा है कि अधिकतम कितने दिनों तक हम मृतकों के शव को सुरक्षित रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज रात या कल तक हम किसी एक निश्चित समयसीमा तक पहुंच जाएंगे.

शवों का किया जा रहा है डीएनए टेस्ट

प्रदीप जेना ने कहा कि तमाम पार्थिव शरीर का DNA जांच हम कर रहे हैं. जिससे कि अगर किसी बॉडी की पहचान नहीं हो पाती है तो बाद में हम डीएनए रिपोर्ट के आधार पर उनके परिजनों के नाम तय करेंगे.

मुख्य सचिव मीडिया को दिया धन्यवाद

मीडिया संस्थानों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि टोल फ्री नंबर आपके ज़रिए इतना पॉपुलर किया गया..वायरल हुआ कि बहुत तादाद में कॉल आए.  सामूहिक अंतिम संस्कार की नौबत वाले सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि  हम अभी किसी भी बात को rule out नहीं कर रहे हैं.

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