धामनगर उपचुनाव: प्रत्याशी ने 'माता-पिता', 'चाचा-चाची' और जनता को बनाया प्रचारक

स्टार प्रचारक में बीजद, भाजपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय और राज्य मंत्रियों सहित प्रमुख नेताओं के नामों की घोषणा की है. वहीं राजेंद्र दास की सूची में धामनगर निर्वाचन क्षेत्र के लोग हैं.

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राजेंद्र दास को तैरती नाव और नाविक का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है.
भुवनेश्वर:

तीन नवंबर को होने वाले धामनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार औपचारिक रूप से शुरू हो गया है. बीजद के बागी उम्मीदवार राजेंद्र दास के निर्दलीय मैदान में उतरने के बाद मुकाबला और रोचक हो गया है. क्षेत्र के पूर्व विधायक दास को अंतिम समय में बीजद ने टिकट नहीं दिया. बीजद ने अबंती दास को आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस और भाजपा ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.

तीनों राजनीतिक दलों के नेताओं ने भद्रक के जिला मुख्यालय शहर में सभी होटलों और गेस्ट हाउसों पर कब्जा कर लिया है, जो कि धामनगर के ग्रामीण इलाकों से मुश्किल से 10 किमी दूर है. इधर निर्दलीय राजेंद्र दास के पास चुनाव प्रचार करने के लिए बाहर से कोई नहीं है. दास को तैरती नाव और नाविक चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है. उन्हें उम्मीद है कि स्थानीय लोग अपना आशीर्वाद देकर चुनाव जिताएंगे.

दिलचस्प बात यह है कि स्टार प्रचारक में बीजद, भाजपा और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय और राज्य मंत्रियों सहित प्रमुख नेताओं के नामों की घोषणा की है. वहीं राजेंद्र दास की सूची में धामनगर निर्वाचन क्षेत्र के लोग हैं.

चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि उनके द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए प्रचारकों की सूची में माता-पिता, चाचा-चाची, गरीब दैनिक वेतन भोगी, किसान, भाई-बहन और आम जनता शामिल हैं. दास ने कहा, "मुझे दूसरों के प्रचार की जरूरत नहीं है. धामनगर के लोग, जो मतदाता हैं, मेरे लिए प्रचार करेंगे. यहां कोई भी मंत्री वोट डालने नहीं आता है."

वह 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा के बी सी सेठी से 4,625 मतों के अंतर से हार गए थे. 19 सितंबर को बीसी सेठी की मृत्यु के कारण धामनगर में उपचुनाव कराना पड़ा.

हालांकि उन पर बीजद की ओर से चुनाव से हटने का जबरदस्त दबाव था, लेकिन दास इस सीट से चुनाव लड़ने पर अड़े रहे. चुनावी परिदृश्य में उनका प्रवेश सत्तारूढ़ बीजद उम्मीदवार अबंती दास के लिए एक बड़े सिरदर्द का कारण है. वह राजेंद्र दास की मदद और समर्थन से जिले के तिहिड़ी ब्लॉक की अध्यक्ष बनीं थी.

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उपचुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम को शुरू हुआ और अबंती दास ने पार्टी विधायकों और समर्थकों के साथ भद्रक के काली मंदिर में पूजा कर इसकी शुरुआत की. कांग्रेस उम्मीदवार बाबा हरेकृष्ण सेठी ने धामनगर के असुराली से प्रचार शुरू किया, जबकि बी सी सेठी के बेटे भाजपा उम्मीदवार सूर्यवंशी सूरज ने घर-घर जाकर प्रचार शुरू किया.

भगवा पार्टी को उम्मीद है कि सूरज, जो अपना नामांकन दाखिल करने वाले पहले व्यक्ति थे, सहानुभूति मतों के आधार पर जीतेंगे. राज्य भाजपा महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा, "मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा और राजेंद्र दास के बीच होगा. बीजद तीसरे स्थान पर खिसक जाएगी."

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दूसरी ओर कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उलाका ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार के जीतने की पूरी संभावना है, क्योंकि बीजद के वोट अब उसके बागी उम्मीदवार के कारण बंट गए हैं. उल्लाका ने कहा कि दूसरी ओर, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को रोकने में मोदी सरकार की विफलता के लिए धामनगर के लोग भाजपा को करारा जवाब देंगे.

बीजद नेता अमर प्रसाद सत्पथी ने हालांकि दावा किया कि राजेंद्र दास की उम्मीदवारी का क्षेत्रीय पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर शायद ही कोई असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, "उन्हें (राजेंद्र दास) कुछ वोट मिल सकते हैं, जबकि बीजद को भारी जीत हासिल होगी."

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ओडिशा के मुख्य चुनाव अधिकारी एस के लोहानी ने कहा कि उपचुनाव के लिए छह उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान एक उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया.

सोमवार को नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख के एक दिन बाद अब पांच उम्मीदवार मैदान में हैं. वो राजेंद्र दास (निर्दलीय), अबनी दास (बीजद), सूर्यवंशी सूरज (भाजपा), बाबा हरेकृष्ण सेठी (कांग्रेस) और पवित्र मोहन दास (भारत) हैं.

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