विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन : बंगाल के राज्‍यपाल का राष्‍ट्रपति को पत्र

पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल सीवी आनंद बोस ने संविधान के अनुच्छेद 188 का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ नियमों का हवाला दिया है. क्या कोई नियम संविधान से ऊपर हो सकता है? संविधान किसी भी नियम से ऊपर है.

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राज्‍यपाल सीवी आनंद बोस ने सवाल किया कि क्या कोई नियम संविधान से ऊपर हो सकता है? (फाइल)
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सी वी आनंद बोस (CV AnandBose) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को पत्र लिखकर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना ‘‘संविधान का उल्लंघन'' है. राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र तब लिखा जब विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने टीएमसी के दो विधायकों को शपथ दिलाई, जबकि बोस ने इस काम के लिए विधानसभा के उपाध्यक्ष को अधिकृत किया था.

राजभवन के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक रूप से अनुचित कदम के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राज्य विधानसभा में दो विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है.''

रयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी को दिलाई शपथ 

राजभवन और विधानसभा के बीच करीब एक महीने तक गतिरोध के बाद, दो विधायकों रयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शपथ दिलायी गई. हुसैन सरकार मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला से विधायक हैं जबकि सायंतिका बनर्जी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बरानगर से विधायक हैं.

बोस ने ‘एक्स' पर एक बयान में संविधान के अनुच्छेद 188 का हवाला देते हुए कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ नियमों का हवाला दिया है. क्या कोई नियम संविधान से ऊपर हो सकता है? संविधान किसी भी नियम से ऊपर है.''

अनुच्छेद में कहा गया है कि राज्य की विधानसभा या विधान परिषद का प्रत्येक सदस्य सबसे पहले राज्यपाल या उसके द्वारा इसके नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ लेगा.

पोस्ट में कहा गया, ‘‘राज्यपाल द्वारा दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए उपाध्यक्ष को नियुक्त करने के बावजूद संविधान का उल्लंघन किया गया.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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