साल 2023 की बोर्ड परीक्षाओं में 65 लाख से अधिक छात्र फेल हो गए. फेल होने वाले ये छात्र 10वीं और 12वीं कक्षा के थे.परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के आंकड़ों के विश्वेषण से पता चलता है कि फेल होने वालों में राष्ट्रीय शिक्षा बोर्डों से अधिक राज्यों के बोर्ड के छात्र थे.इन आंकड़ों का विश्लेषण शिक्षा मंत्रालय ने किया है. इनके मुताबिक देश में आंध्र प्रदेश के छात्र विज्ञान की पढ़ाई में सबसे अधिक रुचि दिखाते हैं. इसी तरह मेघालय के छात्र कला की पढ़ाई में देश भर में आगे हैं.
मंत्रालय ने देश के 59 शिक्षा बोर्डों के 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का विश्लेषण किया. इनमें राज्यों के 56 और तीन केंद्रीय शिक्षा बोर्ड शामिल थे.इन आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार की ओर से संचालित स्कूलों की छात्राएं अधिक संख्या में 12वीं की परीक्षा में शामिल हुईं.वहीं प्राइवेट स्कूलों और सरकार की ओर से वित्त पोषित स्कूलों के मामले में ऐसा कम था.
किस क्लास में कितने छात्र हुए फेल
इसके मुताबिक कक्षा 10 में केंद्रीय शिक्षा बोर्डों में 24 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए. इनमें से 1.5 लाख छात्र फेल हो गए.10वीं की परीक्षा में फेल होने की दर छह फीसदी थी. वहीं राज्य शिक्षा बोर्डों के 1.61 करोड़ छात्र परीक्षा में शामिल हुए. इनमें से 26.5 लाख छात्र फेल हो गए.राज्य शिक्षा बोर्डों में फेल होने की दर 16 फीसदी रही. इसी तरह कक्षा 12 में केंद्रीय शिक्षा बोर्डों में 17.6 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए. इनमें से 2.1 लाख छात्र फेल हो गए.इनमें फेल होने की दर 12 फीसदी रही. वहीं राज्य शिक्षा बोर्डों के 1.37 करोड़ छात्र परीक्षा में शामिल हुए. इनमें से 25 लाख छात्र फेल हो गए. राज्य शिक्षा बोर्डों में फेल होने की दर 18 फीसदी रही.
विश्लेषण से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि 10वीं कक्षा के 33.5 लाख से अधिक छात्र ग्रेड को पूरा नहीं कर पाए. वहीं साढ़े पांच लाख छात्र परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए और 28 लाख फेल हो गए.यही वजह है कि सीनियर सेकेंडरी स्तर पर छात्रों के नामांकन की दर कम रहती है.
वहीं 12वीं के 32.4 लाख छात्र ग्रेड को पूरा नहीं कर पाए तो 5.2 लाख छात्र परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए. वहीं 27.2 लाख छात्र परीक्षा में फेल हो गए.
सबसे अधिक किसके छात्र फेल हुए
केंद्रीय शिक्षा बोर्डों की 10वीं कक्षा में छात्रों के फेल होने की दर छह फीसदी पर बनी हुई है. वहीं राज्य शिक्षा बोर्डों में यह 16 फीसदी है. वहीं केंद्रीय शिक्षा बोर्डों की 12वीं कक्षा में फेल होने की दर करीब 12 फीसदी है, वहीं राज्य के शिक्षा बोर्डों में यह 18 फीसदी है.वहीं ओपन स्कूलों के दोनों क्लासों में यह दर बहुत खराब है.
मध्य प्रदेश बोर्ड के कक्षा 10 के सबसे अधिक छात्र फेल हुए. इसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश का नंबर है.वहीं 12वीं में सबसे अधिक यूपी बोर्ड के छात्र फेल हुए. इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर है.अधिकारी इसके पीछे कठिन पाठ्यक्रम को कारण मानते हैं.कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं में लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक शामिल हुईं.
कहां कितने छात्र पढ़ते हैं विज्ञान
इस अध्ययन में छात्रों की रुची को लेकर भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इनसे पता चलता है कि आंध्र प्रदेश, मणिपुर, तमिलनाडु और तेलंगाना के 65 फीसदी से अधिक छात्रों ने 12वीं विज्ञान की पढ़ाई को तरजीह दी. वहीं मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और नगालैंड में 75 फीसदी से अधिक छात्रों ने कला के विषयों की पढ़ाई को चुना.
12वीं विज्ञान की पढ़ाई चुनने वालों में सबसे अधिक 78 फीसदी छात्र आंध्र प्रदेश बोर्ड के थे. वहीं 12वीं में विज्ञान पढ़ने वाले सबसे कम 11.4 फीसदी छात्र मेघालय बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के थे. मेघालय बोर्ड के 12वीं कक्षा में 84.6 फीसदी छात्रों ने कला की पढ़ाई को तरजीह दी. वहीं पश्चिम बंगाल के काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन के 78.4 फीसदी छात्रों ने 12वीं में पढ़ाई के लिए कला को चुना था.
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