NEET-UG मामले में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में एक अतिरिक्त हलफनामा किया दाखिल

आईआईटी मद्रास ने 2024 के लिए जेईई (ए) आयोजित किया था. हालांकि, एनटीए के मुख्य कार्य प्रबंध समिति द्वारा इसे आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा गवर्निंग बॉडी की भूमिका सिर्फ नीतिगत मामलों में होती है.

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नई दिल्ली:

नीट-यूजी मामले में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है. इसके साथ ही उन्होंने आईआईटी मद्रास के निदेशक के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया है. एनटीए का कहना है कि निदेशक ने ही डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी. एनटीए ने कहा कि किसी विशेष वर्ष में जेईई (एडवांस्ड) आयोजित करने वाले आईआईटी  निदेशक NTA गवर्निंग बॉडी के पदेन सदस्य हैं.

बता दें कि आईआईटी मद्रास ने 2024 के लिए जेईई (ए) आयोजित किया था. हालांकि, एनटीए के मुख्य कार्य प्रबंध समिति द्वारा इसे आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा गवर्निंग बॉडी की भूमिका सिर्फ नीतिगत मामलों में होती है. आईआईटी निदेशक ने गवर्निंग बॉडी की बैठकों में भाग लेने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नामित किया था और नामित व्यक्ति ने दिसंबर 2022 में अंतिम बैठक में हिस्सा लिया था. 

रिपोर्ट बनाने वाले आईआईटी निदेशक ने दिसंबर 2022 के बाद से किसी भी एनटीए की आम सभा की बैठक में हिस्सा नहीं लिया है. ऐसे में आईआईटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए यह हलफनामा दाखिल किया गया है. 

11 जुलाई को आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट SC में हुई थी दर्ज

केंद्र ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) से प्राप्त विस्तृत रिपोर्ट से पता चलता है कि “न तो बड़े पैमाने पर कदाचार का कोई संकेत है और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभान्वित किया जा रहा है जिससे असामान्य अंक आए हैं.” 

8 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास के निदेशक से अनुरोध किया था कि वह उम्मीदवारों के पूरे समूह के NEET परिणामों का व्यापक डेटा एनालिसिस करें. संस्थान ने NEET में शीर्ष 1.4 लाख रैंक धारकों के लिए एनालिसिस किया था. 

रिपोर्ट को अंकों के वितरण, शहर और केंद्र रैंक वितरण और अंकों की सीमा में उम्मीदवारों के वितरण जैसे मापदंडों का उपयोग करके तैयार किया गया था. आईआईटी मद्रास ने डेटा प्रोसेसिंग के लिए पायथन, डेटा स्टोरेज के लिए पोस्टग्रेएसक्यूएल और एनालिसिस के लिए मेटाबेस की मदद से एनटीए से कई डेटा और तथ्यों की आवश्यकता के बाद डेटा का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला था.

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