अमृतपाल सिंह पर लगाया गया NSA, जानिए क्या है इंदिरा गांधी के शासन में बना ये सख्‍त कानून

नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है, तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है.

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1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से NSA बनाया गया था
नई दिल्‍ली:

खालिस्‍तान समर्थक 'वासिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पंजाब पुलिस की कई टीमें भगोड़े अमृतपाल की तलाश में जुटी हुई हैं. अमृतपाल पंजाब पुलिस को चकमा देकर जिस बाइक से भागा था, वो बरामद हो गई है. पंजाब पुलिस ने जालंधर के दारापुर इलाके से बाइक को बरामद किया है. मंगलवार को पंजाब सरकार ने कोर्ट में बताया कि अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया है. अमृतपाल के चार साथियों पर भी एनएसए लगाया गया है जिन्‍हें असम की जेल में रखा गया है. एनएसए के तहत संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है.   

पुलिस ने बताया कि अमृतपाल को भागने में मदद करने वाले उसके चार साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. अब तक अमृतपाल के 154 समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने तीन गाड़ियां बदलीं. उसने गुरुद्वारा में कपड़े भी बदले. और बाद में अपने तीन साथियों के साथ दो बाइक से भाग गया. 

अमृतपाल की पिछले ज्ञात लोकेशन जालंधर के हल्का शाहकोट में गांव नंगल अंबिया थी. यहां के निवासी नंबरदार भूपेंद्र सिंह ने बताया यह उन्हें आज पता चला था कि 18 तारीख को अमृतपाल सिंह अपने साथियों सहित गांव के गुरुद्वारा में आया और वहां पर अपने कपड़े बदल कर हुलिया चेंज करके वहां से चला गया. गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथि से पुलिस ने पूछताछ की तो यह बातें सामने आई की अमृतपाल 18 तारीख को गुरुद्वारा साहिब में आया था. अमृतपाल ब्रिजा गाड़ी में आया था और उनके पास मोटरसाइकिल भी थी और उसने आकर अपने कपड़े बदले और गुरुद्वारा साहिब में खाना भी खाया. अमृतपाल 18 तारीख को एक 1:30 बजे के करीब गुरुद्वारा साहिब में आया था.

क्या है नेशनल सिक्योरिटी एक्ट
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है, तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है. यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. 1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से बनाया गया था. यह एक्ट सरकार को शक्ति प्रदान करता है कि यदि उसे लगे कि किसी को देशहित में गिरफ्तार करने की आवश्यकता है, तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है. संक्षेप में कहा जाए तो यह एक्ट किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. 

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संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के अनुसार, संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. इसके साथ ही हिरासत में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती और हिरासत की समयावधि को 12 महीने तक किया जा सकता है. साथ ही हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाईकोर्ट के एडवाइजरी के सामने अपील कर सकता है और राज्य सरकार को यह बताना होता है कि इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है.

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