प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (National Digital Health Mission) की शुरुआत की है. इसके तहत देश के हर नागरिक का हेल्थ कार्ड (Unique Health ID) बनाया जाएगा. इस योजना को रविवार से 6 केंद्र शासित प्रदेशों में लांच किया गया है. लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा की गई थी, जिसका आज आगाज हुआ है. इसके तहत सभी नागरिकों की सेहत का रिकार्ड एक ID में दर्ज होगा. फिलहाल आधार कार्ड के बाद अब लोगों का इस तरह का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. फिलहाल छह केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान निकोबार द्वीप समूह,चंडीगढ़,दादरा नगर हवेली और दमन दीव,लद्दाख,लक्षदीप और पुडुचेरी में इसे लागू करने की योजना है.
इस हेल्थ कार्ड में ट्रीटमेंट, टेस्ट और उन डॉक्टरों की जानकारी होगी जिनसे इलाज करवाया गया. अस्पताल और नागरिकों पर निर्भर करेगा कि वो इससे जुड़ना चाहते हैं या नहीं. हर नागरिक का एक अलग UID होगा. लोगों की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहे, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा. हर किसी का एक पोर्टेबल नम्बर रहेगा. नंबर के अलावा ये सुविधा भी होगी कि इससे लिंक करके एक आसान से खुद का ID बना लें. 14 अंकों का नंबर होगा. इसको याद रखने की जरूरत नहीं, बस ID याद रखना पड़ेगा. इस आईडी में लैब के रेकॉर्ड, ट्रीटमेंट, प्रिस्क्रिप्शन.. सब रिकॉर्ड में रहेगा.
डिजिटल हेल्थ योजना : किस डॉक्टर ने आपको कौन सी दवा कब दी है, हर चीज का रिकॉर्ड
फिलहाल भारत सरकार ने 500 करोड़ रुपये आवंटित किया है और इसे 6 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा. योजना सफल होने के बाद इसे देश के बाकी हिस्सों में भी शुरू किया जाएगा. हमारे देश में सत्तर फीसदी आबादी गांवों में रहती है और एक अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की सबसे बड़ी जरूरत इन्हीं को है. लेकिन हमारे देश में डिजिटल डिवाइड सबसे ज्यादा है. ऐसे में ग्रामीण आबादी को इस योजना से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है.