अब उत्तराखंड में पुलिसकर्मी सोशल मीडिया के लिए नहीं बना सकेंगे रील्स और वीडियो

पुलिसकर्मी वर्दी में रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं. इसकी वजह से कई बार न सिर्फ वे मुसीबत में फंस जाते हैं, बल्कि इससे पुलिस बल की फजीहत भी होती है.

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अब उत्तराखंड में पुलिसकर्मी सोशल मीडिया के लिए नहीं बना सकेंगे रील्स और वीडियो
प्रतीकात्मक तस्वीर.
देहरादून:

उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई है. इस गाइडलाइन के चलते अब सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी हीरो नहीं बन पाएंगे. राज्य के पुलिसकर्मी वर्दी में रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं. इसकी वजह से कई बार न सिर्फ वे मुसीबत में फंस जाते हैं, बल्कि इससे पुलिस बल की फजीहत भी हो रही है.  

इन दिनों सोशल मीडिया पर रील्स बनाने का बुखार सब पर चढ़ा हुआ है. हर कोई सोशल मीडिया के जरिए प्रसिद्धि पा लेना चाहता है. इस मामले में उत्तराखंड पुलिस के पुलिसकर्मी भी पीछे नहीं हैं. वे सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव हैं. ऐसे में अब पुलिस प्रशासन ने पुलिस कर्मियों के लिए सोशल मीडिया पर मर्यादा तय कर दी है. 

उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता निलेश आनंद भरणे ने बताया कि, ''उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की है. कई शिकायतें और बातें पुलिस मुख्यालय के सामने आई थीं कि पुलिसकर्मी प्रोफेशनल कायदों से हटकर सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो बना रहे हैं. इसकी वजह से विभाग के हित और ऑफीशियल सीक्रेसी पर असर पड़ रहा था.''

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइन के मुताबिक, सरकारी कार्य के दौरान वर्दी में वीडियो व रील बनाना  प्रतिबंधित होगा. इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंधित किया गया है. ड्यूटी के बाद भी वर्दी में वीडियो बनाने पर बंदिश है. थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय के निरीक्षण, पुलिस ड्रिल व फायरिंग के लाइव प्रसारण नहीं होंगे. 

कहा गया है कि, शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट व वीडियो भी प्रसारित नहीं होगा. इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कंपनी या उत्पाद व सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित होगा. 

पुलिस कर्मियों को हिदायत दी गई है कि वे अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ को अलग-अलग रखें. निलेश आनंद भरणे ने कहा कि, गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो आपका प्रोफेशन है, उसी के अनुरूप काम किया जाए. गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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पुलिस कर्मियों की वर्दी में हीरोगिरी या फिर ठुमके लगाते हुए रील्स या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं, जो कई बार पुलिस फोर्स और अधिकारियों के लिए भी मुसीबत का कारण बन जाते हैं. अब सोशल मीडिया गाइडलाइन कम से कम बेलगाम पुलिस कमियों में अनुशासन जरूर लाएगी.

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