मध्य प्रदेश में जांच या छापे से पहले सीबीआई को अब लेनी होगी राज्य सरकार से इजाजत? जानें किन राज्यों ने लिया है पहले ऐसा फैसला

मध्य प्रदेश सरकार ने सीबीआई की अपने राज्य में एंट्री पर रोक लगा दी है. यह अपने आप में चौंकाने वाला है. कारण यह है कि अभी तक गैर भाजपा शासित राज्य ही इस तरह के फैसले करते थे.

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सीबीआई को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.

पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के उदाहरण के बाद अब मध्य प्रदेश ने यह अनिवार्य कर दिया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उसके सीमा क्षेत्र में कोई भी जांच करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. राज्य सरकार ने इसके लिए एक अधिसूचना भी जारी की है. अधिसूचना के मुताबिक सीबीआई को किसी भी पूछताछ शुरू करने से पहले राज्य सरकार से लिखित सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी.

यह आदेश 1 जुलाई से प्रभावी हो गया है. गृह विभाग के सचिव गौरव राजपूत के जरिए यह सूचित किया गया था. इस निर्देश का मतलब है कि मध्य प्रदेश के भीतर किसी भी निजी व्यक्ति, सरकारी अधिकारियों या अन्य संस्थाओं की जांच करने से पहले सीबीआई को राज्य सरकार से स्पष्ट अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी. दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 की धारा 6 के अनुसार, सीबीआई को जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से सहमति की आवश्यकता होती है.

तमिलनाडु, झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम, राजस्थान, महाराष्ट्र की सरकारों ने सीआईआई के लिए इस तरह की अधिसूचना जारी किए थे. हालांकि, महाराष्ट्र में भाजपा के साथ शिंदे सरकार बनने के बाद यह आदेश वापस ले लिया गया था. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकार रहते हुए यह फैसला लिया गया था. 

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