सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी लड़कियों को लेकर समाज की मानसिकता बदल नहीं रही है. इसके लिए लोग पेट में पल रहे बच्चे का लिंग पता लगा रहे हैं. भ्रूण का लिंग पता करने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीब लगा रहे हैं. हालात यह है कि इसे रोकने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा की पीसीपीएनडीटी सेल राजस्थान में आकर कार्रवाई कर रही है. हरियाणा से लगते झुंझुनूं जिले में तीन महीने में हरियाणा के नारनौल की पीसीपीएनडीटी सेल ने दूसरी बड़ी कार्रवाई की है. उसने भ्रूण की लिंग का पता लगाने के लिए कुख्यात एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.
कब से भ्रूण के लिंग का पता लगा रहा है अवधेश पांडे
गिरफ्तार आरोपी अवधेश पांडे झुंझुनूं जिले के खेतड़ी का निवासी है. वह करीब दो दशक से भ्रूण लिंग जांच के काम में लगा है. वो इस आरोप में कई बार जेल जा चुका है. लेकिन वह जमानत पर बाहर आ जाता है. जेल से बाहर आकर फिर वो उसी काम में लग जाता है. जब उसने यह काम शुरू किया था, तो वह भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए पांच हजार रुपये लेता था. आजकल वह इस काम के लिए 80 हजार रुपये तक ले रहा था.
हरियाणा के नारनौल की पीसीपीएनडीटी सेल ने अवधेश पांडे को खेतड़ी इलाके के बड़ाऊ के समीप बिलवा चौराहे के पास से एक मकान से गिरफ्तार किया. सेल के प्रभारी डॉक्टर विजय यादव ने बताया कि उनको सूचना मिल रही थी कि भ्रूण के लिंग का पता लगाने वाला एक गिरोह हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर सक्रिय है. यह गिरोह हरियाणा की गर्भवती महिलाओं को राजस्थान ले जाकर उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग का पता लगाता है. इस सूचना पर सेल सक्रिय हुआ. इसके कहने पर एक गर्भवती महिला ने ढाणा निवासी सत्येंद्र से संपर्क किया. दोनों के बीच 50 हजार रुपये में भ्रूण के लिंग का पता लगाने का सौदा हुआ. इसी के तहत रविवार सुबह महिला खेतड़ी पहुंची. उसे बड़ाऊ के बिलवा चौराहे पर बुलाया गया. सत्येंद्र अपनी गाड़ी में महिला को घुमाता रहा. इसके बाद अवधेश पांडे आया. वह महिला को एक मकान में ले गया.वहां भ्रूण लिंग की जांच कर लड़की होना बताया. इतने में ही टीम ने कार्रवाई करते हुए अवधेश पांडे को धर-दबोचा. लेकिन दलाल सत्येंद्र फरार हो गया. अवधेश के कब्जे से एक पोर्टेबल मशीन, उसका चार्जर,27 हजार रुपये और एक मोबाइल फोन जब्त किया गया. जबकि टीम को देखते ही अवधेश पांडे ने एक स्मार्ट फोन को कहीं दूर फेंक दिया था.
अब तक कितने टेस्ट कर चुका है अवधेश पांडे
नारनौल की पीसीपीएनडीटी सेल के प्रभारी डॉक्टर विजय यादव ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि अवधेश पांडे पर भ्रूण का लिंग पता लगाने के आरोप में सात मामले दर्ज हैं. इनमें दो हरियाणा में हैं और पांच राजस्थान में दर्ज हैं. इन सभी मामलों में अवधेश गिरफ्तार हो चुका है.इन दिनों वह जमानत पर बाहर है. हरियाणा के दोनों मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं. डॉक्टर विजय ने बताया कि इस मामले में दलाल सत्येंद्र को भी आरोपी बनाया गया है.उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई पुलिस करेगीय.
पूछताछ में अवधेश पांडेय ने बताया है कि वह भ्रूण के लिंग का पता लगाने वाली मशीन नेपाल से 80 हजार रुपये में खरीद कर लाया था. पिछले कुछ सालों में हुई कार्रवाई की वजह से वह चलती गाड़ी में ही अपना काम करता था.रविवार को वह हरियाणा की महिला की चलती गाड़ी में ही जांच करने वाला था. लेकिन सुबह सड़कों पर आवाजाही बढने और तय टारगेट को पूरा करने के लिए उसने मकान में ले जाकर जांच करने का रिस्क उठाया था. इसी क्रम में वह पकड़ा गया. उसने बताया है कि वह इस तरह के करीब 200 टेस्ट कर चुका है.
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