"पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शराब जैसा कुछ भी नहीं", कंझावला मामले में पीड़ित परिवार का दावा

पीड़ित लड़की के फैमिली डॉक्टर भूपेश ने कहा है कि मृतक लड़की के दोस्त का यह दावा कि वो घटना के समय नशे में थी पूरी तरह से गलत है.

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कंझावला हत्या मामले में परिवार ने किया बड़ा दावा
नई दिल्ली:

कंझावला में हुए खौफनाक सड़क हादसे में जान गवाने वाली लड़की के परिवार ने घटना के समय लड़की के नशे में होने के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. दरअसल, पीड़ित लड़की के फैमिली डॉक्टर भूपेश ने कहा है कि मृतक लड़की के दोस्त का यह दावा कि वो घटना के समय नशे में थी पूरी तरह से गलत है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है. घटना के बाद पीड़िता की दोस्त ने मीडिया से कहा था कि जिस समय अंजली की स्कूटी का एक्सीडेंट हुआ था, उस समय वो बुरी तरह से नशे में थी. 

भूपेश ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के पेट में खाना मिला है. अगर उसने पहले शराब पी होती तो खाने के साथ-साथ पेट से केमिकल भी मिलता. लेकिन रिपोर्ट में सिर्फ पेट में खाना मिलने की बात कही गई है. बता दें कि 
कंझावला मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार  मृत लड़की के शरीर पर 40 इंजरी थी. गाड़ी से टक्कर (Accidental Injury) से करीब 5 इंजरी, बाकी इंजरी गाड़ी में फंसकर घिसने या रगड़ने से हुई इंजरी हैं.

मौत की वजह हेड, स्पाइन, लेफ्ट फीमर और दोनों निचले अंग में इंजरी की वजह से "सदमा और रक्तस्राव" हो सकता है. ये सभी इंजरी समग्र रूप से मौत की वजह हो सकती हैं या फिर हेड, स्पाइन, लंबी हड्डियां और बाकी चोटें अलग से भी मौत की वजह हो सकती हैं. ये सभी इंजरी कार की टक्कर के ब्लंट बल के प्रभाव और घसीटने के कारण हुए हैं.

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वहीं, दिल्ली के कंझावला में हुई घटना में जान गंवाने वाली 20 वर्षीय युवती अंजलि का मंगलवार शाम भारी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया. ‘‘अंजलि को इंसाफ दो'' लिखे बैनर लिए बड़ी संख्या में लोग पीड़िता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की.

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