गाजा पट्टी पिछले एक साल में लगभग तबाह हो गई है, लेबनान की राजधानी बेरूत जल रही है, हिजबुल्लाह भी इजरायल पर मिसाइल दाग रहा है, ईरान भी जंग में कूद पड़ा है... मिडिल ईस्ट में इस समय हालात बेहद चिंताजनक हैं. भारत समेत दुनियाभर के देश इससे प्रभावित हैं. लेकिन 'लिविंग नास्त्रेदमस' के नाम से जाने जाने वाले एथोस सैलोम का कहना है, ये तो शुरुआत है. अभी सबसे बुरा समय अभी नहीं आया है. ये भविष्यवाणी डराने वाली है. इधर, भारतीय नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है कि इस मुश्किल घड़ी में भारत, दुनिया को शांति की राह दिखाएगा.
मिडिल ईस्ट में अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी..!
मिडिल ईस्ट में युद्ध जैसे हालात पिछले एक साल से देखने को मिल रहे हैं, जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष शुरू हुआ था. तब ऐसा लग रहा था कि ये जंग हमास के साथ कुछ ही महीने में खत्म हो जाएगा, लेकिन ये संघर्ष अभी तक जारी है. 'लिविंग नास्त्रेदमस' एथोस सैलोम ने इस साल की शुरुआत में भविष्यवाणी की थ कि ईरान और इजरायल के बीच भी इस साल जंग जैसे हालात बनेंगे. 1 अप्रैल 2024 को इजरायल ने ईरान के सीरिया स्थित दूतावास पर एयरस्ट्राइक किया. इसके जवाब में लगभग 15 दिन बाद ईरान ने ड्रोन और मिसाइल से इजरायल पर बड़ा हमला बोल दिया... और एथोस सैलोम की भविष्यवाणी सही साबित हुई. ईरान में अब लगातार इजरायल के हमले हो रहे हैं. इजरायली हमलों के मद्देनजर ईरान ने सभी उड़ानों को रद्द करने का फैसला लिया है. एथोस सैलोम का कहना है कि मिडिल ईस्ट में अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी है. हालात भी कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं.
बता दें कि 'लिविंग नास्त्रेदमस' एथोस सैलोम ब्राजीलियाई परामनोवैज्ञानिक हैं, जिन्हें कोरोना महामारी, एलन मस्क द्वारा ट्विटर (अब एक्स) खरीदने और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बारे में भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है.
भारतीय नास्त्रेदमस की चौंकाने वाली भविष्यवाणी
भारतीय नास्त्रेदमस कुशल कुमार ने मिडिल ईस्ट के बिगड़ते हालात को लेकर एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. कुशल कुमार हरियाणा के पंचकूला में रहने वाले एक वैदिक ज्योतिष लेखक हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विभिन्न वैश्विक घटनाओं का विश्लेषण करते रहते हैं. कुशल कुमार ने एक बार फिर मिडिल ईस्ट के अशांत माहौल को लेकर भारत की संभावित भूमिका के बारे में भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि इजराइल और ईरान के बीच शत्रुता लगातार बढ़ रही है. लेकिन इस बीच भारत जल्द ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए वैश्विक संकटों को निपटाने के केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा. भारतीय नास्त्रेदमस ने लिखा, 'भारत से किसी जरूरतमंद देश को चिकित्सा सहायता या रणनीतिक सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए कहा जा सकता है.' कुशल कुमार ने भविष्यवाणी की है कि यह संभवतः 2024 के अंतिम दो महीनों में होगा यानि नवंबर और दिसंबर. ऐसे में भारत को रणनीतिक रूप से प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य का सामना करना पड़ेगा, जिसके साथ संभावित रूप से उभरती राजनीतिक चुनौतियां भी होंगी.
कैसे शुरू हुआ ईरान-इजरायल संघर्ष
ईरान की ओर से 1 अक्टूबर की रात इजरायल पर बड़ा मिसाइल अटैक किया गया. इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार के मुताबिक, ईरान की ओर से कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे. ईरान का कहना है कि यह बमबारी हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में की गई. बता दें ईरान हमास और हिजबुल्लाह को खुलकर समर्थन देता आया है.