उत्तराखंड (Uttarakhand) के मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) के नाराज होने और पद से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक उमेश शर्मा काऊ (Umesh Sharma Kau) ने कहा है कि कैबिनेट मंत्री की शिकायत को दूर कर दिया गया है और कोई कहीं नहीं जा रहा है. दरअसल, ऐसी अटकलें थीं कि हरक सिंह रावत नाराज हैं और शनिवार को वह पद से इस्तीफा दे सकते हैं, जिसके बाद उनकी नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी काऊ को सौंपी गई थी.
काऊ ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा नेता अनिल बलूनी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहायता से मुद्दे को हल कर लिया गया है. विधायक ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोलने के उनके प्रस्ताव को मान लिया गया है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि इस परियोजना के लिए बजट सोमवार को जारी किया जाएगा.
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यह पूछे जाने पर कि क्या रावत इस्तीफा नहीं देने के लिए राजी हो गए हैं, काऊ ने कहा, ''कोई कहीं नहीं जा रहा है. हम सब भाजपा के सच्चे सिपाही की तरह काम करेंगे.''
रावत शुक्रवार रात को कैबिनेट की बैठक से चले गए थे जिसके बाद अटकलें थीं कि वह धामी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि रावत बैठक से इसलिए चले गए थे क्योंकि वह कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिलने से नाराज थे.
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भाजपा के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बात से इनकार किया कि रावत ने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि रावत के इस्तीफे की खबरें अफवाह हैं.
इस बीच काऊ के भी इस्तीफा देने की खबरें आ रही थीं. इस पर विधायक के बेटे गौरव शर्मा ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि शुक्रवार रात को कुछ समाचार चैनलों ने इस बारे में खबर चलाई,तो वह भी आश्चर्यचकित रह गए थे.
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