Nobel Peace Prize 2022: एलेस बियालियात्स्की, रूस, यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन जीते, सालों तक लड़ी अधिकारों की लड़ाई

Nobel Peace Prize 2022: शांति पुरस्कार विजेता अपने देश में सिविल सोसायटी का प्रतिनिधित्व करते हैं. कई सालों तक उन्होंने सत्ता की आलोचना करते हुए अधिकारों को बढ़ावा दिया और नागरिकों के मूलभूत अधिकार सुरक्षित किए. 

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शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता एक साथ यह शांति और लोकतंत्र के लिए सिविल सोसायटी की महत्ता को दर्शाते हैं.   

Nobel Peace Prize 2022: शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है. यह पुरस्कार मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की (Ales Bialiatski), रूसी मानवाधिकार संगठन और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन को दिया गया है. साल 2022 के शांति पुरस्कार बेलारूस की मानवाधिकार कार्यकर्ता को मिला है. रूस के मानवाधिकार संगठन, मेमोरियल (Memorial) और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन, सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ (Center for Civil Liberties) को दिया गया है. शांति पुरस्कार विजेता अपने देश में सिविल सोसायटी का प्रतिनिधित्व करते हैं. कई सालों तक उन्होंने सत्ता की आलोचना करते हुए अधिकारों को बढ़ावा दिया और नागरिकों के मूलभूत अधिकार सुरक्षित किए.  इन्होंने युद्ध के अपराधों, मानवाधिकार उल्लंघनों और सत्ता के दुरुपयोग को सूचीबद्ध करने में अहम योगदान निभाया. एक साथ यह शांति और लोकतंत्र के लिए सिविल सोसायटी की महत्ता को दर्शाते हैं.   

नोबेल पीस प्राइज़ 1901 से 2022 के बीच अब तक 130 बार 140 से नोबेल प्राइज़ विजाताओं को दिए जा चुके हैं. इनमें 110 व्यक्ति और 30 संस्थान शामिल हैं. तब से अब तक इंटरनेशनल कमिटी ऑफ रेड क्रॉस(International Committee of the Red Cross) को तीन बार नोबेल पुरस्कार मिला है. इसे 1917, 1944 और 1963 में नोबेल पुरस्कार मिला.  संयुक्त राष्ट्र के शर्णार्थियों के लिए हाई कमिश्नर को दो बार शांति का नोबेल पुरस्कार (1954, 1981) में मिल चुका है. अब तक 27 व्यक्तिगत संस्थाएं भी नोबाल पुरस्कार जीत चुकी हैं.    

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इससे पहले खबर आई थी कि भारतीय फैक्ट-चेकर मोहम्मद जु़बैर (Mohammed Zubair) और प्रतीक सिन्हा (Pratik Sinha)  साल 2022 में नोबेल प्राइज़ जीतने के लिए नामांकित हुए लोगों में से एक हैं. टाइम की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद ज़ुबैर  शांति के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कारों के लिए नामांकित हुए लोगों में शामिल हुए. यह नामांकन नॉर्वे के सांसद और ओस्लो का पीस रिसर्च संस्थान (PRIO) करते हैं. 

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