बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं, तो 12वीं की परीक्षा नहीं; मनीष सिसोदिया ने केंद्र को दिए दो सुझाव

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखी

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दिल्ली के शिक्षा मंत्री केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर सुझाव दिए हैं.
नई दिल्ली:

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने इसमें कहा है कि बिना वैक्सीनेशन के बच्चों को किसी भी परीक्षा के लिए न बुलाया जाए. वैक्सीनेशन (Vaccinatin) के बाद भारत सरकार की तरफ से दिया गया विकल्प बी ही परीक्षा आयोजित करने के लिए इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने बारहवीं कक्षा (12th Board Examination) की परीक्षाओं और बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार को दो सुझाव दिए हैं.

पहला सुझाव है कि केंद्र सरकार एक्सपर्ट की राय ले कि क्या देश में बनी को-वैक्सीन और कोविशील्ड जो अभी 18 से 44 साल के लिए इस्तेमाल हो रही है, 17.5 साल के बच्चों को दी जा सकती है? अगर एक्सपर्ट सहमति दें तो प्राथमिकता के आधार पर कक्षा 12 के 95% बच्चे जो कि 17.5 साल से ऊपर के हैं, उन्हें यह वैक्सीन दी जाए. साथ ही उनके सभी टीचर, जिन्होंने किसी भी कारण से अब तक ये वैक्सीन नहीं ली हो, उन्हें भी यह वैक्सीन तुरंत दी जाए.

दूसरा सुझाव है कि केंद्र सरकार फाइजर कंपनी से तुरंत बात करे और उनसे 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए एप्रूव्ड वैक्सीन को भारत के बच्चों के लिए खरीदे.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'अगर वैक्सीनेशन का विकल्प फिलहाल संभव नहीं हो तो हमारा सुझाव है कि इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा पूरी तरह रद्द की जाए.'

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