दुनिया के कई देशों में युवाओं के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा (Compulsory Military Service) का प्रावधान है. भारत में भी कई मौकों पर यह मांग की जाती रही है. हालांकि इसे लेकर अब सरकार ने संसद में स्पष्टीकरण दिया है. केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट (Union Minister of State for Defense Ajay Bhatt) ने लोकसभा में अरुण कुमार और अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्नों का लिखित जवाब देते हुए ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है.
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने सशस्त्र सेनाओं में युवाओं की अनिवार्य सेवा के लिए कोई योजना नहीं बनाई है. सदन के पटल पर यह जानकारी रखते हुए रक्षा राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि अग्निपथ स्कीम के कार्यान्वयन में सैनिक स्कूलों की कोई भूमिका नहीं है.
अजय भट्ट ने संसद को जानकारी दी कि सरकार ने गैर सरकारी संगठनों/निजी स्कूलों/राज्य सरकारों के साथ भागीदारी के रूप में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना का अनुमोदन किया है. यह योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों/संघ क्षेत्रों के लिए है. हालांकि शर्त है कि आवेदक स्कूल पात्रता मापदंडों को पूरा करते हों और उसके साथ स्कूल सोसाइटी द्वारा गैर-सरकारी संगठनों/निजी/राज्य सरकार के स्कूलों के साथ एमओए पर हस्ताक्षर किए गए हों. अन्य बातों के साथ-साथ देश के जनजातीय क्षेत्रों सहित सभी जिलों को शामिल करने के लिए सशस्त्र सेनाओं द्वारा भर्ती रैलियां आयोजित की जाती हैं.
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