सिक्किम की एकमात्र विमान सेवा हुई बंद, जानें क्या है कारण

605 करोड़ की लागत से निर्मित, ये हवाई अड्डा 201 एकड़ में फैला हुआ है और समुद्र तल से 4,500 फीट की ऊंचाई पर पक्योंग गांव से लगभग दो किमी ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.

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पाक्योंग हवाई अड्डे भारत का 100 वां परिचालन हवाई अड्डा था.
नई दिल्ली:

एयरलाइन स्पाइसजेट ने परिचालन आवश्यकताओं का हवाला देते हुए सिक्किम के पाक्योंग हवाई अड्डे पर अपने परिचालन को स्थगित कर दिया है. पाक्योंग के लिए उड़ान भरने वाली ये एकमात्र एयरलाइन थी. परिचालन स्थगित करने का मतलब है कि फिलहाल इस हवाई अड्डे पर कोई उड़ान नहीं जाएगी. पाक्योंग हवाई अड्डे राजधानी गंगटोक में है और ये भारत के सबसे ऊंचे हवाई अड्डों में से एक है. हवाई अड्डे के निदेशक को लिखे एक पत्र में, एयरलाइन ने कहा, "स्पाइसजेट ने 30 अक्टूबर 2022 से अगले नोटिस तक पाक्योंग से संचालन को निलंबित करने का निर्णय लिया है.

स्पाइसजेट ने अपने turboprop विमान से पाक्योंग के लिए उड़ानें संचालित कीं थी. जिसे Ude Desh Ka Aam Naagrik-क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान-आरसीएस) नीति के तहत संचालित किया गया था. स्पाइसजेट के बेड़े में लगभग 30 बॉम्बार्डियर डैश 8 क्यू400 (Bombardier Dash 8 Q400 ) विमान हैं, जिनका उपयोग क्षेत्रीय उड़ानों के लिए किया जाता है.

सितंबर 2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाक्योंग हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया था. इस हवाई अड्डे से हिमालय में बसे भूमि-बंद राज्य से कनेक्टिविटी और इसके पर्यटन को बढ़ावा देने की उम्मीद थी. 605 करोड़ की लागत से निर्मित, हवाई अड्डा 201 एकड़ में फैला हुआ है और समुद्र तल से 4,500 फीट की ऊंचाई पर पकयोंग गांव से लगभग दो किमी ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.

भारत-चीन सीमा से लगभग 60 किमी दूर स्थित, पाक्योंग हवाई अड्डे भारत का 100 वां परिचालन हवाई अड्डा था. लेकिन हवाईअड्डे में लगभग 20 महीनों से कोई उड़ान नहीं गई थी. अप्रत्याशित मौसम, खराब दृश्यता और उचित लैंडिंग सुविधाओं की कमी के कारण जून 2019 से इन्हें निलंबित किया गया था. वहीं जनवरी 2021 में परिचालन फिर से शुरू हुआ. जनवरी 2021 में, DGCA ने पाक्योंग के लिए एक नई लैंडिंग प्रक्रिया को मंजूरी दी थी. जिसके बाद स्पाइसजेट को दिल्ली और कोलकाता से पाक्योंग के लिए सेवाएं फिर से शुरू करने की अनुमति मिली थी.

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