बिहार की राजनीति में घमासान जारी है. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का साथ छोड़कर अपनी नई पार्टी का ऐलान किया है. वहीं कुशवाहा के पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी छोड़ना उनकी इच्छा है. लेकिन सवाल यह है कि वो वापस आए क्यों थे? उन्हें जनता दल यूनाइटेड में वापस आने की क्या जरूरत थी? नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि सब दिन के लिए रहेंगे, पार्टी में आने दीजिए. तो मैंने ही दल में सबको समझाया था कि आने दीजिए. यह पूछे जाने पर कि कुशवाहा कह रहे हैं कि 2024 में नरेंद्र मोदी के सामने कोई नहीं खड़ा हो सकता के जवाब में उन्होंने कहा कि कौन क्या कहते हैं यह आप समझ सकते हैं. मैं आपलोगों से भी आग्रह करता हूं कि पब्लिसिटी नहीं दी जाए.
इधर मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा से मिलने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पहुंचे. बीजेपी नेता से मुलाकात के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संजय जायसवाल मेरे पुराने मित्र रहे हैं. मैंने नई पारी की शुरुआत की है तो वो मुझसे मिलने पहुंचे थे. साथ ही उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि पहले से बातचीत चल रही थी तो मैं यह कहना चाहूंगा कि मैंने इन बातों को बड़े भाई (नीतीश कुमार) से ही सीखा है. उन्होंने जिस तरह से एक ही दिन में पद से त्यागपत्र दे दिया और उसके दूसरे ही दिन शपथ ले ली उससे मैंने भी सीखा है. साथ ही उन्होंने एक बार भी उस आरोप को दोहराया कि जदयू और राजद के बीच डील हो चुकी है. नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि तेजस्वी यादव ही उनके उत्तराधिकारी होंगे.
गौरतलब है कि जनता दल (यूनाइटेड) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपना अगला क़दम सोमवार को साफ़ कर दिया था. उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की पार्टी से अलग होने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने अपनी अलग पार्टी 'राष्ट्रीय लोक जनता दल' का निर्माण किया है. इससे पहले कुशवाहा ने पटना में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें विभिन्न ज़िलों से जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए थे.
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