बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलकर एनडीए में जाने की अटकलें जोर-शोर से चल रही हैं. गुरुवार को खबरें आई थीं कि नीतीश कुमार एक बार फिर महागठबंधन की सरकार छोड़कर NDA में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, अभी तक ना तो जदयू की तरफ से और ना ही भाजपा की तरफ से कोई स्पष्ट बयान आया है. जदयू के सहयोगी दल आरजेडी की ओर से जरूर प्रतिक्रिया देखने को मिली है. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार अब किस मुंह से NDA के पाले में जाएंगे. उन्होंने ये बात भाजपा नेताओं के उस बयान का जिक्र करते हुए कही, जिसमें भाजपा की ओर से कहा गया था कि नीतीश कुमार के लिए NDA के दरवाजे बंद हैं.
शिवानंद तिवारी ने कहा, "नीतीश जी को मैंने गुरुवार को कॉल करके समय मांगा था. लेकिन उन्होंने कहा कि वे व्यस्त हैं और फ्री होने पर हमें बताएंगे. हमें इस पर हैरानी हुई तो हमने कहा कि कल गणतंत्र दिवस है, सुबह में व्यस्त होंगे, उसके बाद किसी भी समय बुलवाइए. इस पर नीतीश जी ने कहा कि हम आपको कॉल करेंगे. लेकिन अभी तक उनकी ओर से कॉल नहीं आया है. जब तक उनके वहां जाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो जाता, हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि वे NDA जा सकते हैं. यह कल्पना इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि वो इतिहास में अपना किस तरह का नाम दर्ज करवाना चाहते हैं."
आरजेडी उपाध्यक्ष ने साथ ही कहा, "भाजपा का चपरासी तक कह चुका है कि नीतीश कुमार के लिए NDA के दरवाजे बंद हैं. फिर ये कैसे ऐसा साहस कर सकते हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कैसी-कैसी भाषा वाले बयान इनके खिलाफ दिए थे. फिर भी भीतर से इनका जमीर कैसे वहां जाने के लिए गवारा कर सकता है."
वहीं, राजद के दूसरे वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा, "मैं मानता हूं कि थोड़ा कंफ्यूजन है. नीतीश जी खुद भी देख रहे होंगे कि ये मीडिया में क्या-क्या चल रहा है. हम गठबंधन के मुखिया नीतीश जी से आग्रह करते हैं कि शाम तक वे इस कंफ्यूजन को दूर कर दें. हमारी ओर से चीजें स्पष्ट हैं. हमारी ओर से कोई भी टिपप्णी नहीं आई है."
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव का भी इन अटकलों पर बयान आया है. अखिलेश यादव ने कन्नोज में कहा कि हमें उम्मीद है कि नीतीश जी एनडीए में नहीं जाएंगे. नीतीश जी इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगे.
वहीं बिहार बीजेपी के नेताओं ने भी अभी खुलकर ना ही इनकार और ना ही इजहार किया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा वो राज्य और पार्टी हित में होगा. वहीं बिहार के मौजूदा राजनीतिक हालात पर पर बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो निर्णय लेगा, हम उनके निर्णय का समर्थन करेंगे.
सामूहिक नेतृत्व के निर्णय का पार्टी स्वागत करेगी- विजय कुमार सिन्हा
वहीं बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "मुझे इस बात की जानकारी नहीं है. भाजपा किसी व्यक्ति की पार्टी नहीं है ये सामूहिक नेतृत्व की पार्टी है. हमारा नेतृत्व सक्षम नेतृत्व है और सामूहिक नेतृत्व के निर्णय का पार्टी स्वागत करती है."
नीतीश कुमार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए- राशिद अल्वी
इधर बिहार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, "निश्चित तौर पर बिहार में जो माहौल खड़ा हो गया है उसे नीतीश कुमार को साफ करना ही चाहिए. इससे INDIA गठबंधन कमजोर होता है. नीतीश कुमार तो सबसे पहले आगे आए थे INDIA गठबंधन को बनाने के लिए, आज उन्हीं के बारे में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. ये उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो इस परिस्थिति को साफ करें."
ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा गठबंधन- मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "हमें बहुत पहले से अहसास था, इसलिए हमने कहा था, लगता है कि गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगा. कोई भी आदमी समझ सकता है कि खेला हो रहा है या नहीं हो रहा है."
लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश साथ रहेंगे की नहीं इस पर संदेह- कुशवाहा
राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "अभी चर्चा लगातार है कि नीतीश कुमार फिर NDA गठबंधन में आएंगे. ये बात तो सही है कि जहां हैं वहां नीतीश जी काफी परेशान हैं, इसीलिए वहां से निकलना चाहते हैं. अगर भाजपा के साथ गठबंधन में आएंगे तो फिर लोकसभा चुनाव के बाद साथ में रहेंगे या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है."